चंडीगढ़ प्रशासन ने शिवरात्रि के दिन छुट्टी का किया ऐलान, सरकारी दफ्तरों में लगेगा ताला

चंडीगढ़ | राजधानी चंडीगढ़ प्रशासन के गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर 18 फरवरी को महा शिवरात्रि को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. प्रशासन ने 16 दिसंबर 2022 की अपनी अधिसूचना में आंशिक बदलाव करते हुए शिवरात्रि पर सरकारी अवकाश घोषित किया है. इस दौरान चंडीगढ़ के सभी सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहेगा.

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शनिवार को है शिवरात्रि

इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी दिन शनिवार को है. इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने का विधान है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार देवी सती ने पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया था. माता पार्वती ने प्रारंभ में अपनी सुंदरता से भगवान शिव को रिझाने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो सकीं. इसके बाद, उन्होंने त्रियुगी नारायण से पांच किलोमीटर दूर गौरीकुंड में कठिन साधना और साधना से भगवान शिव का मन जीत लिया. इस दिन भगवान शिव और आदिशक्ति मां पार्वती का विवाह हुआ था.

भगवान शिव के तांडव और देवी भगवती के लास्य नृत्य के समन्वय से ही ब्रह्मांड में संतुलन बना रहता है. भगवान शिव को प्रसन्न करने और व्रत करने के लिए कई महत्वपूर्ण नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. इन नियमों का पालन करने से महाशिवरात्रि व्रत का पूरा फल मिलता है और भगवान शिव की कृपा भी बनी रहती है.

व्रत की महिमा

महाशिवरात्रि का व्रत सबसे शुभ और दिव्य है, यह व्रत धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों का दाता माना गया है. इस दिन जो प्राणी परम सिद्धिदायक भगवान शिव का व्रत, अभिषेक और पूजन करता है वह परम सौभाग्यशाली होता है अर्थात जो शिव को द्रोह करके मुझे पाना चाहता है, वह स्वप्न में भी मुझे प्राप्त नहीं कर सकता. यही वजह है कि इस दिन शिव पूजन के साथ-साथ श्री रामचरितमानस के पाठ का भी बहुत महत्व है.

एक अन्य कथा के अनुसार, माता पार्वती ने एक बार भगवान शिव से पूछा कि कौन सा व्रत उन्हें सर्वश्रेष्ठ भक्ति और पुण्य प्रदान कर सकता है. तब भोलेशंकर ने स्वयं इस दिन का महत्व बताते हुए कहा कि जो फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात को व्रत करता है, वह मुझे प्रसन्न करता है. अभिषेक, वस्त्र, धूप, अर्घ्य और पुष्प आदि से मैं उतना प्रसन्न नहीं होता, जितना व्रत से होता है.

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