हरियाणा का ऐसा गांव जहां बच्चों को भाता है सरकारी स्कूल, बोलते हैं फर्राटेदार इंग्लिश

फतेहाबाद । फतेहाबाद जिले में तीन हजार की आबादी वाला यह गांव, जहां के सरकारी स्कूल में आप शिक्षा स्तर और सुविधाएं देखोगे तो हैरान रह जाएंगे. गांव के मध्यमवर्गीय परिवार का एक लड़का अपनी बहन से कह रहा है- दी प्लीज़ हेल्प मी, आइ एम आलरेडी फिफटिन मिनट्स लेट फॉर स्कूल…. (दीदी, मेरी मदद करो, मैं पहले ही स्कूल के लिए पंद्रह मिनट लेट हूं ) बड़ी बहन से सहयोग पाकर यह लड़का स्कूल के लिए चल पड़ता है.

SCHOOL

प्राइवेट स्कूलों को दे रहा है टक्कर

फतेहाबाद जिले में स्थित गांव ढाणी ढाका का यह स्कूल बुनियादी सुविधाओं और शिक्षा स्तर के मामले में प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहा है. बच्चों की फर्राटेदार अंग्रेजी में बातचीत इस स्कूल के स्तर को बयां करती है. गांव के लोगों ने अपनी दूरगामी सोच के जरिए सुशिक्षित समाज का निर्माण करने के लिए सामाजिक सहभागिता के साथ इस स्कूल की दशा और दिशा दोनों को बदलने का काम किया है. ग्रामीणों की सोच है कि अपनी तकदीर के वे खुद भाग्यविधाता है.

शिक्षा के माध्यम से अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल करने के जज्बात को ग्रामीणों ने जुनून के तौर पर लिया. ग्रामीणों ने तीन साल पहले गांव में शैक्षिक सुधार के लिए शिक्षा सुधार एंड वेल्फेयर सोसायटी का गठन किया. सोसायटी के प्रधान विनोद कुमार ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि इस गांव से कोई बच्चा किसी प्राइवेट स्कूल में पढऩे के लिए नहीं जाएगा.

शिक्षकों की कमी को किया दूर

अब ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि आठवीं तक के इस सरकारी स्कूल में महज तीन शिक्षकों के सहारे शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारें. ऐसे में ग्रामीणों ने अपने बलबूते पर दस निजी शिक्षकों को स्कूल में पढ़ाई में सहयोग के लिए रख लिया. कुछ सरकारी सहयोग और शेष दान की राशि से उन्हें अपने बलबूते पर हर महीने एक लाख रुपए सैलरी देने लगें.

ग्रामीणों ने बताया कि सामूहिक प्रयासों से स्कूल में शिक्षा सरपट दौड़ने लगी. उन्होंने बताया कि गांव के सभी बच्चे इसी सरकारी स्कूल में पढ़ने लगे क्योंकि शहर के प्राइवेट स्कूल से बेहतर शिक्षा व संस्कार यहां मिल रहें हैं. इस शैक्षणिक सत्र में अब तक 310 बच्चे दाखिला ले चुके हैं.

यें हैं सुविधाएं

• बच्चों व अध्यापकों के लिए ड्रेस कोड

• खेल मैदान की सुविधा

• स्कूल समय में किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं

• स्कूल में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे

• ढाणियों से बच्चों को लाने के लिए वैन की सुविधा.

• अभिभावकों को भी एंट्री करने के बाद मिलती अनुमति

अन्य गांव भी लें प्रेरणा

जिला शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद, दयानंद सिहाग ने कहा कि ढाणी ढाका गांव के ग्रामीणों की शानदार पहल का नतीजा है कि गांव से पिछले शैक्षणिक सत्र में एक भी बच्चा प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं गया और इस बार भी दाखिले बढ़े हैं. ग्रामीणों के प्रयास सराहनीय है और दूसरे गांव की पंचायतों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए.

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