गुरुग्राम की 16 कॉलोनियों में छोटे प्लॉटों को मिलेगी मंजूरी, लाभ पाने के लिए बस ये होगी शर्त

गुरुग्राम | प्लाटों के विभाजन को प्रदेश सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने से राष्ट्रीय राजधानी से सटे गुरुग्राम की 16 कॉलोनियों के लाखों लोगों को बड़ी राहत पहुंची है. साल 1980 से पहले बनी ऐसी कॉलोनियो में अब आवंटित प्लॉट के विभाजन (टुकड़ों में बांटना) को सरकार कानूनी मान्यता देगी. बशर्ते ऐसे प्लॉट का न्यूनतम आकार 200 वर्ग मीटर होना चाहिए और टुकड़ों में बांटे जाने वाले प्लॉटों का आकार भी 100 वर्ग मीटर से कम नहीं होना चाहिए.

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नई पॉलिसी को हाल ही में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की मीटिंग में सरकार ने मंजूरी दे दी है. उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार के इस फैसले का सबसे अधिक फायदा गुरुग्राम की करीब 16 कालोनियों के लाखों लोगों को पहुंचेगा. इससे पहले लोगों को मकानों की रजिस्ट्री करवाने और नक्शा करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ता था. यह योजना अब रीहेबिलिटेशन और टाउन प्लानिंग योजना वाली कॉलोनियों में भी लागू होगी.

ऐसे समझें पूरी योजना

विभाजन के समय लाखों की संख्या में शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आए थे. उनको रहने के लिए उस समय प्लाट आवंटित किए गए थे. सरकार द्वारा दिए इन प्लॉटों की अभी तक टुकडों में रजिस्ट्री नहीं हो रही थी. उदाहरण स्वरुप किसी व्यक्ति को उस समय सरकार ने 500 वर्ग मीटर का एक प्लॉट दिया था. उस 500 वर्ग मीटर प्लॉट को वह अपने दो बेटों को दो हिस्सों में बांटकर उनकी रजिस्ट्री नहीं करवा सकता था. इस कारण इन लोगों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ रही थी. अब सरकार ने इन आवंटित प्लॉट धारकों को 500 वर्ग मीटर प्लॉट की टुकडों में रजिस्ट्री करवाने को अनुमति दे दी है. ऐसे में अब यह लोग इन आवंटित प्लॉटों को अलग-अलग टुकड़ों में रजिस्ट्री करवा सकेंगे.

पहले जमा करवाना होगा शुल्क

सरकार की नई पॉलिसी के तहत, अब लोगों को इन आवंटित प्लॉटों को टुकडों में विभाजन करवाने से पहले नगर निगम में दस रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से निगम में शुल्क जमा करवाना होगा. इसके बाद नगर निगम की तरफ से उस प्लॉट का विभाजन कर दिया जाएगा और नगर निगम द्वारा इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया जाएगा.

कुछ लोगों के लिए बढ़ेगी परेशानी

सरकार की इस नई पालिसी से कुछ लोगों को परेशानी भी झेलनी पड़ सकती है. आवंटित प्लॉटों को टुकडों में बांटने से पहले निगम में 1980 से पहले का रिकॉर्ड लोगों को निगम में जमा करवाना होगा. कई लोगों के पास इतना पुराना रिकॉर्ड नहीं मिल पाएगा तो जाहिर सी बात है ऐसे लोगों को इसमें कुछ परेशानियां झेलनी पड़ सकती है. इसके अलावा जिन लोगों ने इन आवंटित प्लॉटों में अवैध रूप से फ्लैट आदि का निर्माण कर लिया है उन पर यह योजना लागू नहीं होगी. उन प्लॉटों का कोई भी विभाजन नहीं हो सकेगा.

इन कालोनियों के लोगों को होगा फायदा

गुरुग्राम में 1980 से पहले बसी करीब 16 कालोनियों के लाखों लोगों को सरकार की इस योजना का लाभ पहुंचेगा. इनमें मुख्य रूप से अर्जुन नगर, शिवाजी नगर, सुभाष नगर, मियां वाली कालोनी, न्यू कालोनी, भीम नगर समेत 16 कालोनियों शामिल हैं.

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