अब इंटरनल असेसमेंट के अंकों की प्रेक्टिकल परीक्षाएं भी करवाएगा हरियाणा बोर्ड, की जा रही तैयारी

भिवानी | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) अब इंटरनल असेसमेंट के नंबरो के लिए भी प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराने की तैयारी में है. जैसा कि आप जानते है हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की तरफ से 80 अंक की परीक्षा ली जाती है और 20 अंक इंटरनल असेसमेंट के होते है. स्कूल संचालक अपने लेवल पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं लेकर इंटरनल असेसमेंट के अंक देते हैं.

Haryana Board

उनका रिजल्ट अच्छा आए इस लोभ में ज्यादातर विद्यालय संचालक बच्चे को ज्यादा से ज्यादा अंक देते है. ज्यादातर स्कूल बच्चों को 20 में से 20 अंक दे देते है जो बच्चों के सही मूल्यांकन न होने की वजह बनता है.

गुजरात शिक्षा बोर्ड का किया गया दौरा

पिछले दिनों हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल ने गुजरात शिक्षा बोर्ड का दौरा किया था. प्रतिनिधिमंडल में बोर्ड चेयरमैन डॉ. बीपी यादव, सचिव ज्योति मित्तल भी शामिल थीं. उन्हें गुजरात शिक्षा बोर्ड में आंतरिक मूल्यांकन की परीक्षाएं कराने का ऑप्शन सही लगा, जिसे अपनाने के लिए प्लानिंग की जा रही है.

कुछ सालों पहले स्कूलों में प्रैक्टिकल परीक्षा लेने के लिए बोर्ड की तरफ से निर्धारित शिक्षक जाता था, वह विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल चेक करता तथा उससे संबंधित सवाल करता. जिसके आधार पर बच्चे का मूल्यांकन होता था, ऐसा ही एक बार फिर से किया जा सकता है. आंतरिक मूल्यांकन में स्कूली द्वारा किस तरह पूरे नंबर दिए जाते है, इसका उदाहरण 2021 में कोरोना काल के दौरान देखा गया.

कोरोना काल में बच्चों कों मिले 100 फीसदी अंक

कोरोना काल के दौरान परीक्षाएं नहीं हो पाई तो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने इंटरनल असेसमेंट के अंकों के आधार पर बच्चों को अंक देने का फैसला लिया. उस वक़्त 10वीं के 3, 13, 334 बच्चों को जनरल परमोशन दी गई. 62782 परीक्षार्थी ऐसे रथे जिनके पूरे 100 प्रतिशत अंक थे. इनमें ज्यादातर ऐसे भी है, जिन्हें अंग्रेजी में एप्लीकेशन तक लिखनी नहीं आती लेकिन 10वीं में पूरे 100 प्रतिशत अंक मिले है. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों को दिल्ली तथा अन्य विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने के लिए भी परेशानी झेलनी पड़ती है. इंटरनल असेसमेंट के अंकों के चक्कर में उन विद्यार्थियों द्वारा लिए गए अंको में से 20 प्रतिशत तक अंक काटकर उन्हें मैरिट सूची में शामिल किया जाता है, जिससे वें पीछे रह जाते है.

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की सचिव ज्योति मित्तल ने बताया कि गुजरात शिक्षा बोर्ड के दौरे के दौरान उन्हें वहां आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था अच्छी लगी. हम भी ऐसी कोशिश कर रहे है कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए ताकि बच्चे का सही आकलन हो पाये. जिसके लिए जल्द ही बैठक आयोजित की जाएगी. उसके बाद ही, इस बारे में अच्छे कदम उठाए जाएंगे.

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