रेहड़ी से शुरू हुआ था 6 मंजिला RCB का सफर, जाने अर्श से फर्श पर पहुंचने की दास्तां

हिसार । कहते हैं जब किस्मत साथ देती है तो आदमी को फर्श से अर्श तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता हैं और जब वही किस्मत दगा दे जाएं तो पता ही नहीं लगता कि कब वापस फर्श पर आ पहुंचा. एक ऐसी ही अर्श से फर्श तक की कहानी आजकल हरियाणा के हिसार जिलें में हर किसी के जुबान पर बनी हुई है. यह कहानी है, शहर के सबसे फेमस रामचाट भंडार (RCB) के संचालक की. एक ही पल में वक्त ने ऐसी पलटी मारी कि न तो वो नाम रहा और न ही प्रतिष्ठा का परचम. देखते ही देखते आंखों के सामने वर्षों का रुतबा एक ही पल में छूमंतर हो गया.

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इस कहानी की शुरुआत हुई, यूपी के मेरठ जिले के रहने वाले आशाराम से जो हिसार नहर महकमें में क्लर्क की नौकरी करते थे. दिन में नौकरी करते और शाम को राजगुरु मार्केट में छोले- भटूरे की रेहड़ी लगाते थे. धीरे- धीरे काम बढ़ता गया और साल 1985 में राजगुरु मार्केट में बूथ लेकर अपना काम बूथ में शुरू कर दिया.

देखते ही देखते 5 साल के भीतर आरसीबी की प्रतिष्ठा इतनी बढ़ गई कि राजनेताओं की इस पर नजर आ टिकी. जिसके बाद एक बार फिर यह बड़े स्तर पर शहर में सुर्खियों में छा गया. आशाराम की मौत के बाद इस कारोबार को बेटों ने अपने हाथों में ले लिया. अपने स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए मशहूर हो चुके इस रेस्टोरेंट पर ग्राहकों का कारवां बढ़ता ही जा रहा था.

इसी दौरान 12 अप्रैल की सुबह परिवार के लिए वो कयामत लेकर आई कि एक हादसे ने सबकुछ छीन लिया. सुबह अचानक से लगी आग ने पूरे रेस्टोरेंट को अपनी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते लाखों के सामने सबकुछ खत्म हो गया. इस भीषण आग में एक नेपाली मूल के 14 वर्षीय लड़के की जलकर मौत हो गई.

आशाराम ने जहां पर छोले भटूरे की रेहड़ी लगाकर फर्श से अर्श का सफर शुरू किया था. लेकिन समय ने ऐसी करवट ली कि परिवार उसी के पास टेंट लगाकर फास्टफूड बेचने की स्थिति में आ गया. वह टेंट भी नगर निगम के एक्ट के अनुसार गैर कानूनी था तो प्रशासन ने उसे भी हटवा दिया. अब आरसीबी पर बुलडोजर चलने की नौबत आ गई. नगर निगम प्रशासन ने आरसीबी पर 20 अप्रैल को नोटिस चस्पा कर मालिक को सात दिन में इसे तोड़ने के आदेश जारी कर दिए हैं.

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