झज्जर में बरसात के कारण तालाब हुआ था फुल, खेतों में मछलियां जाने से लाखों का हुआ नुकसान

झज्जर | इस बार की बरसात ने हर सेक्टरों को बुरी तरह से प्रभावित किया है. सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है. वहीं, बरसात अधिक होने की वजह से मछली पालकों को भी काफी नुकसान हुआ है. झज्जर जिले के गांव दुजाना में लंबे समय से मछली पालन का कार्य कर रहे जयपाल को लाखों का नुकसान हुआ है. बरसात होने के कारण तालाब में इतना ज्यादा पानी भर गया कि आसपास के खेतों में सभी मछलियां चली गई, जिस कारण जयपाल काफी परेशान है.

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जयपाल ने बताया कि 10 तालाबों में मछली पालन का कार्य करते हैं. अभी कुछ समय पहले जब बरसात हुई थी उस वक्त भी काफी समस्या का सामना करना पड़ा था. मगर तब जैसे तैसे स्थिति नियंत्रण में आ गई मगर अब जब तीसरे दौर की बरसात हुई तो सब कुछ तहस नहस हो गया है. तालाब बरसाती पानी से पूरा भर जाने के कारण आसपास के खेतों में सभी मछलियां चली गई हैं क्योंकि दूसरे दौर की बरसात में तालाब पहले ही भर गया था. उन्होंने बताया कि कितनी मछलियां इधर उधर गई इसकी कोई भी गिनती नहीं है. दूसरे खेतों में मछलियां जाने की वजह से अब इन्हें पकड़ना भी नामुमकिन जैसा है. जो छोटी मछलियां थी वह काफी मर गई हैं.

पहली बार हुआ ऐसा

जयपाल का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है. पहले कभी भी इस तरह का मंजर देखने को नहीं मिला था. वह 1982 से मछली पालन का कार्य कर रहे हैं. 15 साल पहले भी जोहड़ बरसात के कारण भर गए थे मगर तब उतना अधिक नुकसान नहीं हुआ था जितना इस बार हुआ है.

मत्स्य पालन में 20 लाख किया था खर्च

लगभग 20 लाख रुपये जयपाल ने मछली पालन में खर्च किए थे. अब कितना पैसा उन्हें वापस आएगा. इस पर भी कुछ नहीं कहा जा सकता है. जयपाल का कहना है कि कम ही उम्मीद है कि जो पैसा लगाया है वह भी वापस आ जाए. मुनाफे के बारे में तो सोचना बेकार है.

20 लोगों को देते हैं रोजगार

तालाब की देखरेख और मछलियों को पकड़ने के लिए जयपाल ने 20 लोगों को कार्य पर रखा हुआ हैं. सभी प्रवासी लोग हैं. अब जयपाल के लिए सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि इन लोगों को वह कैसे तनख्वाह देंगे. प्रवासी मजदूरों को लगभग 10 से 15 हजार रूपये प्रतिमाह वह देते हैं.

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