नई पहल: पीने के पानी की थी समस्या, ग्रामीणों ने मिलकर 100 साल पुराने बंद कुएं को फिर किया पुनर्जीवित

जींद ।  जींद के जुलाना के गांव किलाजफरगढ़ में पिछले कुछ सालों से ग्रामीण पीने के पानी की भयंकर समस्या से जूझ रहे थे. समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने बार-बार सरकार से गुहार लगाई और रोड़ जाम किए. लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला. इस पर गांव के पुरुषों और महिलाओं ने नई पहल करते हुए गांव के 100 साल पुराने कुएं को दोबारा से पुनर्जीवित कर दिया. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी समस्या का समाधान नहीं करती तब तक ग्रामीण इसी कुएं से काम चलाएंगे. इसी खुशी में आज ग्रामीणों ने हवन यज्ञ का आयोजन करवाया और साथ ही भंडारा लगाया.

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क्या कहती है महिलाएं

गांव की महिलाओं ने कहा कि जब से वो इस गांव में आई है , उन्हें पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. खेतों से सिर पर मटके उठाकर पीने का पानी लाने के लिए मजबूर थे. कई बार सरकार से भी गुहार लगाई गई लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया. उसके बाद गांवो के पुरुषों और महिलाओं ने मिलकर 100 साल पुराने कुएं को एक बार फिर पीने के पानी के योग्य बना दिया. इसी खुशी में ग्रामीणों ने मिलकर हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया था.किलाजफरगढ़ के ग्रामीणों ने बताया कि पीने के पानी की समस्या को लेकर प्रशासन व सरकार के नुमाइंदों से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने भी हमारी समस्या को दूर करने के लिए कोई प्रयत्न नहीं किया. इसी को देखते हुए सभी ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से चंदा इकट्ठा करते हुए 100 साल पुराने बंद पड़े कुएं को दोबारा से चालू करते हुए पानी को पीने योग्य बना दिया.

लोगों ने लगाया भंडारा

इसी उपलक्ष्य में ग्रामीणों ने भंडारा आयोजित किया और महिलाओं ने सत्संग करते हुए मंगल गीत गाए. ग्रामीणों ने कहा कि हवन यज्ञ करके इंद्रदेव को भी प्रसन्न किया जा रहा है ताकि अच्छी बारिश हो सकें और फसलों में फायदा पहुंचे.

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