करनाल में सामने आए चूहों से फैलने वाली घातक बीमारी के केस, जानिये कितनी घातक है बीमारी

करनाल । देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच स्क्रब टाइफस के केस सामने आने लगे है. बता दें कि करनाल में स्क्रब टाइफस के 19 मामले सामने आए हैं. केसों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, इस वजह से चिंतित सेंटर व स्टेट की टीमें शुक्रवार को करनाल पहुंची. डिप्टी सिविल सर्जन डॉ मंजू पाठक के साथ पहुंची टीम ने बीमारी की तह तक जाने की कोशिश की.

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करनाल से 19 केस आए सामने

वही सेंटर की टीम से एनसीडीसी के महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर पी भास्कर, एपिडेमिक इंटेलिजेंस सर्विस ऑफिसर डॉक्टर भावेश, स्टेट टीम से स्टेट एंटोंमोलॉजिस्ट डॉक्टर रोली गंभीर व सीमा सिंह पहुंची और बीमारी का रिव्यू किया. टीम ने स्क्रब टाइफस से पीड़ित मरीजों के घर जाकर उनसे बातचीत की. बता दे कि टीम द्वारा क्षेत्र के गांव सग्गा व दादूपुर खुर्द का दौरा किया गया. उन्होंने स्क्रब टाइफस के कारणों का पता लगाने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि यह बीमारी चूहों के बालों व कानों में पाए जाने वाले पिस्सू से होती है. इस बीमारी का लिंक खोजने के लिए टीम ने गांव के अलग-अलग हिस्सों मे पिंजरे लगाकर 6 चूहे पकड़े.

जानिए क्या होता है स्क्रब टाइफस

सीडीसी सेंट्रल ऑफ डिजिज कंट्रोल एवं प्रिवेशन के अनुसार स्क्रब टायफस औरंएटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाली गंभीर बीमारी है. यह संक्रमित चिगर्स के काटने से इंसानों में फैलता है. इस रोग को बुश टाइफस के नाम से जाना जाता है. यदि इस संक्रमण का समय रहते इलाज न कराया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है. सीडीसी विशेषज्ञों के अनुसार संक्रमित कीट के काटने के 10 दिनों के अंदर इसके लक्षण नजर आते हैं.

रोगियों को बुखार और ठंड लगने के साथ,  सिर दर्द,  शरीर और मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो सकती है. वही जिस स्थान पर कीट ने काटा है वहां पर त्वचा का रंग भी गहरा हो जाता है और त्वचा पर पपड़ी जम सकती है. कुछ लोगों को त्वचा पर चकत्ते भी नजर आ सकते हैं. समस्या बढ़ने के कारण रोगियों में भ्रम से लेकर कोमा तक की समस्या भी हो सकती है.

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