3 लाख से कम वार्षिक आय होने पर मिलेगी निशुल्क कानूनी सहायता

हिसार । जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण हिसार व हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण पंचकूला के जरिये राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस का आयोजन किया गया. इस आयोजन में अधिवक्ता राजवीर सिंह पूनिया ने जानकारी देते हुए बताया है कि 9 नवम्बर का दिन भारत देश मे सभी लोगों को बिना पक्षपात के तथा न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 (क) के अनुसार सबको समान न्याय देने का अधिकार प्रदान किया गया है.

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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन

वर्ष 1980 में कानूनी सहायता बोर्ड का गठन किया गया था. इसका गठन भारत देश में लोगों को न्याय देने के लिए किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को उचित न्याय प्रदान करना था. परंतु इसमें कुछ कमियाँ रह गई थी, उन कमियों-खामियों को दूर करने के लिए तथा इसे कानूनी रूप प्रदान करने के लिए 1987 में लीगल सर्विस अथॉरिटी एक्ट बनाया गया. इसके अंतर्गत 9 नवंबर 1995 को भारत देश में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया.

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य

इसका मुख्य उद्देश्य कानूनी सहायता कार्यक्रम को लागू करवाना, उसका मूल्यांकन करना व इसके पात्र सभी नागरिकों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करवाना है. इसका मुख्य कार्य और उद्देश्य सभी जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना, विवादों का निपटारण करने के लिए लोक अदालतों का संचालन करना है. साथ ही ग्रामीण इलाकों में विशेष रूप से कैंप लगाकर लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए जागरूक करना है.

निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के तरीके

निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने का इच्छुक कोई भी भारत का नागरिक जिस की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है, निशुल्क कानूनी सहायता के लिए आवेदन कर सकता है. इसी तरह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोग, महिलाएं, बच्चे, श्रमिक, दिव्यांग व्यक्ति, हिरासत में कोई भी व्यक्ति, दंगा पीड़ित, स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ नागरिक एवं भूतपूर्व कर्मचारी निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है.

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