1 वर्ष में इतने गुमशुदा बच्चों को उनके परिजनों से मिलवा कर हरियाणा पुलिस ने किया सराहनीय कार्य

चंडीगढ़ । इस वर्ष हरियाणा पुलिस ने 1716 ऐसे बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया है जो देश के अलग-अलग हिस्सों में अपने परिवार से बिछड़ गए थे. अपने माता-पिता से बिछड़े इन 1716 बच्चों में 771 लड़के और 945 लड़कियां शामिल हैं इसके अतिरिक्त हरियाणा पुलिस ने इसी साल 1941 बाल श्रमिकों और 1189 बाल भिखारियों को भी इस चंगुल से छुड़वाया है. यह छोटे-छोटे बच्चे दुकानों और अन्य स्थानों पर छोटा मोटा काम करके अपनी आजीविका कमाते हुए पाए गए थे. मनोज यादव (हरियाणा पुलिस महानिदेशक) डीजीपी ने इस बारे में जानकारी दी है.

Police Photo

 

कोरोना काल में भी पुलिस ने किया सराहनीय कार्य

हरियाणा के डीजीपी ने कहा कि इस वर्ष कोरोना महामारी के गंभीर संकट एवं खतरे के दौरान भी हमारे जवानों और अधिकारियों ने अपराधों पर अंकुश लगाने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने को ध्यान में रखते हुए गुमशुदा बच्चों की तलाश की है. उन्हें अपने परिवार वालों से मिलवाने के लिए भी अपनी ड्यूटी निभाते हुए प्राथमिकता दिखाई है.

असामाजिक गतिविधियों से बच्चों को बचाना पुलिस का उद्देश्य

बरामद किए गए बच्चों में से पुलिस की फील्ड इकाइयों ने 1437 बच्चों को ट्रेस किया. बचे हुए 283 गुमशुदा बच्चों को स्टेट क्राइम ब्रांच की विशेष टीम एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने ढूंढकर उनके परिवार वालों को सुपुर्द किया. डीजीपी हरियाणा ने कहा कि पुलिस के इस कृत्य का उद्देश्य गुमशुदा बच्चों को ढूंढकर उनके परिवार वालों को सौंपना है ताकि बाल तस्करी पर अंकुश लगाया जा सके और ऐसे बच्चों को असामाजिक और भीख मांगने के जैसी गतिविधियों से बचाया जा सके.

इन स्थानों पर पुलिस ने की बच्चों की तलाश

गुमशुदा बच्चों की तलाश का पुलिस का यह अभियान धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सार्वजनिक स्थानों और आश्रय गृह जैसे संस्थानों पर पुलिस की टीम द्वारा तालाश कर पूरा किया गया. यह बच्चे किसी कारणवश अपने माता-पिता से दूर हो गए थे. पुलिस आश्रय घरों का दौरा करती है, वहां से मिली जानकारियों के तहत इस प्रकार के गुमशुदा बच्चों के माता-पिता को ढूंढने की कोशिश करती है, जो बच्चे अपने माता-पिता के बारे में अधिक जानकारी नहीं दे पाते. उन्होंने कहा कि हमारे पुलिस कर्मचारियों ने सभी गुमशुदा बच्चों की जांच की जिससे उन्हें उनके माता-पिता तक सुरक्षित रूप से पहुंचाया जा सके.

इस जिले से ढूंढे इतने बच्चे

जिलो का आंकड़ा बताते हुए डीजीपी हरियाणा ने कहा कि इस वर्ष पुलिस ने चरखी दादरी में 27, झज्जर में 39, भिवानी में 45, सोनीपत में 97, कैथल में 24, यमुनानगर में 98, अंबाला में 55, रोहतक और फरीदाबाद में 80-80, गुरुग्राम में 40, पंचकूला में 50 पानीपत में 213, कुरुक्षेत्र में 56, करनाल में 23, रेवाड़ी में 72, फतेहाबाद में 41, जींद में 49, हांसी में 23, सिरसा और हिसार में 86-86, मेवात में 16, नारनौल में 6, पलवल में 122 लापता बच्चों को ढूंढकर उनके परिवार वालों को सौंपा है.

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