किसान आंदोलन: दिल्ली में अभी तक 15 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, 86 पुलिसकर्मी हुए घायल

नई दिल्ली । किसान आंदोलन के दौरान ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया. रैली के दौरान किसानों ने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की. आंदोलनकारियों ने पुलिस की बसों और गाड़ियों को जमकर तोड़ा और लाल किले तक पहुंच गए. इस दौरान वे लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा लहराते हुए नजर आए.

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पुलिस द्वारा 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई

किसानो द्वारा किए गए इस हिंसक प्रदर्शन के खिलाफ अब दिल्ली पुलिस में एफ आई आर दर्ज करनी शुरू कर दी है. अभी तक अलग-अलग जिलों में 15 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जा चुकी है. ईस्टरन रेंज में 5 एफ आई आर दर्ज की गई. वहीं पुलिस कर्मियों ने जानकारी देते हुए बताया कि आंदोलनकारियों ने 8 बसों और 17 प्राइवेट गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया. इस प्रदर्शन की वजह से 86 पुलिसकर्मी घायल हुए.

इस बवाल के कारण सरकारी संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया. पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट और हथियारों  की लूट जैसे मामलों में केस दर्ज किया गया है. एक किसान ने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की. प्रदर्शनकारियों ने जमकर पुलिस की बसों और गाड़ियों को तोड़ा और लाल किले तक पहुंच गए.

प्रदर्शनकारियों ने सारी शर्तें तोड़ी

पुलिस ने बताया कि उपद्रवियों ने आठ डीटीसी बस, 17 पब्लिक व्हीकल, 4 कंटेनर और 300 से ज्यादा लोहे के बैरिकेट्स तोड़ डालें. वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को ट्रैक्टर प्रेड से अलग कर लिया. यह मोर्चा 41 किसान यूनियनों का प्रतिनिधित्व कर रहा है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों के साथ सहमति बनी थी, कि वे टैक्टर मार्च दिल्ली की ओर कूच नहीं करेंगे.

और बहुत सी बातों पर सहमति बनने के बाद दिल्ली पुलिस ने रैली की इजाजत दी थी, लेकिन रैली में शामिल प्रदर्शनकारी शर्तों का उल्लंघन करते हुए नजर आए. आंदोलन इतना हिंसक हो गया कि पुलिसकर्मियों को बचाव के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े. हिंसा ने खबरों के बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड को रोक दिया है और किसानों से वापिस जाने की अपील की है.

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