सरसों के भाव में अचानक से उछाल, तेल की कीमत छुऐगी आसमान; यहाँ जानें क्या है वजह

नूंह | हरियाणा में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से सरसों की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. प्रदेश के कई हिस्सों में सरसों पककर तैयार हो चुकी है और कई जगहों पर कटाई चल रही थी. वहीं, कुछ जिलों में सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से किसान औने पौने दामों में अपनी सरसों बेच चुके थे और कुछ किसानों की सरसों मंडियों में बरसात से पूरी तरह भीग गई थी.

mustered mandi sarso

लगातार चार दिन तक हुई बारिश से सरसों की फसल में करीब 30 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. सरसों की कटी फसल भीग जाने से किसान सरसों को मंडियों में लेकर नहीं पहुंच रहें हैं. ऐसे में आवक कम होने के चलते भाव में 100 से 250 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो गई है. जहां पहले किसानों को 4,500 से 5,200 रुपए प्रति क्विंटल सरसों का भाव मिल रहा था तो वहीं अब भाव बढ़कर 5,000 से 5,400 रुपए प्रति क्विंटल तक हो गया है.

इन मानकों के आधार पर सरसों का तय हो रहा भाव

मंडियों में आ रही सरसों में खरीददार सरसों में नमी की प्रतिशता और सरसों में तेल की मात्रा के आधार पर भाव तय कर रहे हैं. अगर सरसों में सात प्रतिशत नमी है और तेल की मात्रा 42 प्रतिशत है तो उसे 5450 रुपये तक में प्राइवेट तौर पर खरीदा जा रहा है. जैसे- जैसे नमी की प्रतिशता बढ़ती है और तेल की मात्रा घटती है वैसे- वैसे ही भाव कम होते जाते हैं.

सरकारी खरीद के दावे फेल

मार्केटिंग बोर्ड के जिला विपणन प्रवर्तन राम मेहर सिंह जागलान सहित प्रशासन ने 20 मार्च से पुनहाना मंडी में सरसों की सरकारी खरीद का दावा किया था लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी खरीद शुरू नहीं हो पाई है. ऐसे में मजबूरन किसानों को अपनी फसल कम भाव पर बेचनी पड़ रही है और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.

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