हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार गाय के गोबर से बनी खाद पहुंचाएगी किसानों तक

पंचकूला | बीते कई दिनों से हरियाणा में डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) खाद खरीदने के लिए मारामारी हो रही है. किसानों को खाद लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. इन सबके बीच हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने जैविक खाद को बढ़ावा देते हुए बड़ी घोषणा की है.

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बुधवार 20 अक्टूबर को हरियाणा गो सेवा आयोग की ओर से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में संबोधन देते हुए हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश के किसानों को जैविक खेती अपनाने एवं गोशालाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि गो अनुसंधान केंद्र में तैयार और डीएपी के विकल्प जैविक प्रोम का सर्टिफिकेशन किया जाए. इस खाद के मानक प्रमाणित होने पर हरियाणा सरकार प्रमाणिक तौर पर तैयार खाद को किसानों तक पहुंचाएगी. यह जैविक खेती में एक ऊर्जा का काम करेगा.

जैविक खेती और खाद की आवश्यकता

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की हित में लगातार बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. जैविक खेती आज के समय की आवश्यकता है. इसके लिए गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए गाय के गोबर से जैविक खाद तैयार करके और गोमूत्र के प्रासंगिक उपयोग के लिए अनुसंधान पर अधिक जोर दिया जाएगा. आधुनिक समय में निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्वरक शक्ति का संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती बेहद लाभदायक है.

रासायनिक खाद नुकसानदायक

प्राकृतिक प्रदूषण और रासायनिक पदार्थों से प्रकृति में हो रहे तमाम नुकसानों से अवगत कराते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि रासायनिक पदार्थों के उपयोग से बचना होगा और सर्वांगीण विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों एवं मानवीय पर्यावरण को प्रदूषित किए बगैर जनमानस के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध करवानी होगी. दलाल ने कहा कि रासायनिक खादों से जमीन की उपजाऊ शक्ति कम होने के साथ-साथ फसलों की पैदावार भी कम होती जाती है और पर्यावरण भी दूषित होता है. जिससें बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है इसलिए किसानों को अपनी फसलों में जैविक खाद को बढ़ावा देना चाहिए.

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