ताईवान व थाईलैंड किस्म के तरबूजों से सालाना लाखों रुपए कमा रहा है हरियाणा का यह किसान, खेत में ही पहुंच जाते हैं खरीदार

पानीपत | भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए लोग अक्सर पेय पदार्थों या फिर रसीले फलों को खाना ज्यादा पसंद करते हैं. भीषण गर्मी के इस दौर में शरीर में पानी की क्षतिपूर्ति पूरी करने का तरबूज भी एक अच्छा ऑप्शन है. तरबूज का सेवन शरीर के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है. आपने शायद अभी तक एक ही तरह के तरबूज का स्वाद चखा होगा लेकिन पानीपत में आपको चखने के लिए एक नहीं, बल्कि सात तरह की तरबूज की किस्म मिलेगी और वो भी ताईवान तथा थाईलैंड किस्म की.

watermelon tarbooz

बता दें कि पानीपत जिले के गांव सिवाह के रहने वाले किसान रामप्रताप ने ट्रायल के तौर पर तरबूज की खेती शुरू की थी लेकिन आज यही तरबूज उनकी पहचान बने हुए हैं. उनके तरबूज का रंग बाहर से पीला और अंदर से लाल या बाहर से हरा और अंदर से पीला है. इतना ही नहीं, बल्कि एक तरबूज तो ऐसा है कि ही जो अंदर से संतरी रंग का है. दूरदराज क्षेत्रों से भी लोग उनके स्वादिष्ट तरबूजों को खरीदने के लिए उनके खेत पहुंच रहे हैं.

लाखों में कमाई

जिस हाईटेक व आर्गेनिक खेती (सब्जी एवं फल) को लोग घाटे का सौदा बताकर पीछे हट जाते हैं, यह किसान उसी खेती से हर साल लाखों रुपए की आमदनी कर रहा है. इस खेती की बदौलत ही उन्हें सम्मान से लेकर विदेशों तक पहचान मिल रही है. उनके विदेशी वैरायटी के लाल व पीले तरबूज खाने की ख्वाहिश रखने वाले लोगों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. किसान रामप्रताप ने बताया कि एक एकड़ पर करीब एक लाख रुपए खर्च होता है और 4 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है.

क्वालिटी में विश्वास

किसान रामप्रताप शर्मा ने बताया कि करीब छह साल पहले बागवानी विभाग से प्रोत्साहन मिलने पर हाईटेक व आर्गेनिक तरीके से खेती की शुरुआत की थी. वे अपने खेत में तरबूज, खरबूजा, अमरूद, ड्रेगन फ्रूट, टमाटर, शिमला मिर्च, करेला, तोरी, पेठा और मिर्च की खेती करते हैं. वो ज्यादा पैदावार की बजाय क्वालिटी में विश्वास रखते हैं. यही वजह है कि उन्हें अपनी सब्जी व फल को बेचने के लिए मंडी में नहीं जाना पड़ता है. लोग उनके खेत में आकर ही सब्जी आदि लेकर जाते हैं.

2019 में ट्रायल के तौर पर किया था शुरू

किसान रामप्रताप शर्मा बताते हैं कि साल 2019 में ताइवानी तरबूज की अलग- अलग तीन वैरायटी की खेती ट्रायल के तौर पर शुरू की थी. सफलता हाथ लगी तो वैरायटी भी तीन से बढ़कर सात हो गई है. इन सातों वैरायटी के तरबूजों का भाव अलग- अलग है. अंदर से लाल बाहर से पीले दिखने वाले तरबूज का भाव 40 रुपये प्रति किलो और अंदर से पीले और बाहर से हरा दिखने वाले तरबूज का भाव 50 रुपये प्रति किलो तो वहीं सामान्य तरबूजों की तरह दिखने वाले तरबूज का बाजार में 30 रुपए प्रति किलो तक भाव मिल रहा है.

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