हरियाणा में चुनावी सरगर्मी बढ़ी: कल रणदीप सुरजेवाला का रोड शो, हुड्डा गुट बढ़ाएगा दिलचस्पी

हिसार | हरियाणा में चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. प्रदेश कांग्रेस के नेता इसी बहाने अपनी ताकत दिखा रहे हैं. राज्य में पूर्व सीएम भूपेंद्र और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान के जरिए विरोधियों को अपनी ताकत का अहसास करा रहे हैं. जबकि कुमारी शैलजा भी छत्तीसगढ़ से आई हैं और लगातार अपने समर्थकों की सभाएं कर रही हैं. अब इस कड़ी में कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला का नाम जुड़ने वाला है.

Bhupinder Singh Hooda with Randeep Surjewala

रणदीप सुरजेवाला 14 जून को हरियाणा के टिकरी बॉर्डर से कैथल शहर तक रोड शो करेंगे. सुरजेवाला कर्नाटक चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद पहली बार हरियाणा आ रहे हैं. कर्नाटक चुनाव सुरजेवाला की देखरेख में लड़े गए थे. कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सुरजेवाला और उनके समर्थकों में गजब का उत्साह है. इसी के चलते सुरजेवाला अब शक्ति प्रदर्शन के बहाने हरियाणा में कांग्रेस में अपने विरोधियों को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं.

हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट सबसे शक्तिशाली

हुड्डा गुट हरियाणा कांग्रेस में सबसे भारी है. उनके समर्थक हुड्डा पहले ही कांग्रेस का नारा दे चुके हैं. हुड्डा को भावी सीएम तीसरी बार जनसभाओं में पेश कर रहे हैं. हुड्डा के सामने सबसे बड़ी चुनौती छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और हरियाणा में रणदीप सुरजेवाला हैं. कैप्टन अजय सिंह यादव और किरण चौधरी की भी हुड्डा से दुश्मनी रही है.

गुटबाजी के चलते राजस्थान से लड़ा चुनाव

साल 2004 में हुड्डा सरकार में रणदीप सुरजेवाला बिजली मंत्री थे. प्रदेश कांग्रेस में हुड्डा के दबदबे और गुटबाजी के चलते उन्होंने राजस्थान से राज्यसभा का चुनाव लड़ा था. सुरजेवाला लंबे समय से केंद्र की राजनीति में हिस्सा ले रहे थे. हरियाणा की खट्टर सरकार को घेर कर प्रदेश की राजनीति में अपनी दिलचस्पी दिखाते रहे हैं. रणदीप ने हरियाणा लोक सेवा आयोग के संक्षिप्त मामले को लेकर खट्टर सरकार को घेरा.

हरियाणा में कांग्रेस के हैं 30 विधायक

हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला की गांधी परिवार से सीधी पहुंच है. हाल ही में जब राहुल गांधी विदेश यात्रा पर गए तो उनके साथ दीपेंद्र हुड्डा भी थे. मौजूदा समय में राहुल गांधी हरियाणा के तमाम दिग्गज नेताओं को बराबर अहमियत दे रहे हैं. हरियाणा में फिलहाल कांग्रेस के 30 विधायक हैं जिनमें ज्यादातर हुड्डा समर्थक हैं. फिर आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़ दी. उसके बाद जब वहा उपचुनाव हुआ तो कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश हार गए थे. भव्या की जीत के साथ ही बीजेपी विधायकों की संख्या 41 हो गई है.

ओपी चौटाला दे चुके हैं मात

हरियाणा में 2005 के चुनाव में नरवाना सीट से रणदीप सुरजेवाला ने पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को हराया था. हालांकि, वह इससे पहले ओपी चौटाला से भी हार चुके हैं. वह हुड्डा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में कैबिनेट के सदस्य रह चुके हैं.

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