मनेठी गांव के सरपंच को किया गया निलंबित, जानें क्या है वजह ?

रेवाड़ी | डहीना खंड के गांव मनेठी के सरपंच की तरफ़ से हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने के आरोपों के बाद डीसी यशेंद्र सिंह जी के द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया है. वहीं दूसरी ओर सरपंच श्योताज सिंह ने इसे अपने खिलाफ एक बड़ी साजिश बताया है. यहां हम आपको विशेष रूप से बता दें कि सरपंच श्योताज सिंह के खिलाफ गांव में ही स्थित जोहड़ी वाली ढाणी स्थित जोहड़नुमा स्थान में गंदा पानी डाले जाने का एक मामला हाई कोर्ट में चल रहा था. हाल ही में अब इसी मामले के चलते हाई कोर्ट की ओर से उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.

Punjab and Haryana High Court

मौक़ा देने पर भी जवाब न मिलने पर, कोर्ट ने मानी इसे अपनी अवहेलना

ऐसे में कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था क्योंकि ग्राम पंचायत द्वारा ढाणी में लगातार गंदा पानी छोड़े जाने के मामले पर उन लोगों द्वारा विरोध जताया जा रहा था. इस मामले में हाई कोर्ट की ओर से सरपंच द्वारा अपने पक्ष में जवाब भी मांगा गया था. वहीं, सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि इसी मामले में सरपंच की तरफ़ से स्पष्ट रूप से अपना पक्ष न रखने को ले कर यानी इस मामले में सरपंच की तरफ से अदालत ने जवाब न देने को अदालत ने अपनी अवहेलना मानते हुए सरपंच श्योताज सिंह को निलंबित करने के आदेश जारी किए है.

इन्हीं आदेशों के मुताबिक अब सरपंच को निलंबित कर दिया गया है. वहीं सरपंच श्योताज सिंह के खिलाफ गांव के ही कुछ लोगों ने विकास कार्यों में अनियमितताएं बरतने की भी शिकायतें दर्ज करवाई हुई हैं. कहा जा रहा है कि इन सभी मामलों पर फिलहाल जांच तेजी से चल रही है.

सरपंच ने अपने पक्ष में कहा- ‘बनाया जा रहा है उन्हें निशाना

यहां हम आपको मुख्य रूप से बता दें कि मनेठी गांव के सरपंच श्योताज सिंह एम्स संघर्ष समिति के प्रधान भी हैं. वहीं, उन्होंने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस मामले में जानबूझकर उनको निशाना बनाया गया है. इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. एम्स आंदोलन से उसको हटाने के लिए भी यह दबाव बनाया गया है. ऐसे में अगर अदालत के आदेशों पर ऐसा हुआ है तो वह इस न्याय की लड़ाई को आगे तक जरूर लड़ेंगे.

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