सिरसा से लोकसभा सांसद सुनीता दुग्गल की कट सकती है टिकट, अशोक तंवर भी मजबूत दावेदार

सिरसा | हरियाणा की सिरसा सीट पर मचे घमासान के बीच BJP की लोकसभा सांसद सुनीता दुग्गल ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि सिरसा से लोकसभा चुनाव सिर्फ मैं ही लड़ूंगी, अशोक तंवर नहीं लड़ेंगे. दरअसल, अशोक तंवर ने 18 जनवरी को आप छोड़ दी और 20 जनवरी को बीजेपी में शामिल हो गए. चर्चा है कि बीजेपी उन्हें सिरसा सीट से टिकट दे सकती है. इसके बाद, सांसद दुग्गल लगातार सक्रिय हैं. नए साल पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने दिल्ली में अशोक तंवर को पार्टी में शामिल कराया था.

Ashok Tanwar And Sunita Duggal Sirsa

सुनीता ने कहा कि हाल ही में मुझे आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए अशोक तंवर का फोन आया, उन्होंने कहा है कि वह सिरसा से चुनाव नहीं लड़ना चाहते, आप तैयारी कर लीजिए. सांसद ने कहा है कि वह तीन बार सिरसा से चुनाव लड़ चुके हैं, अब वह यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहते.

इस वजह से दिया ऐसा बयान

सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल के ऐसे बयान देने की कुछ वजह है, उन्हें डर है कि कहीं उनका टिकट न कट जाए. हाल ही में, उन्होंने नई दिल्ली में पार्टी के प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब से मुलाकात की थी. मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल भी अपनी सीट बचाने के लिए सक्रिय हो गई हैं. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है. उनके अलावा, पूर्व आईपीएस अधिकारी थीं. कामराज भी सिरसा लोकसभा क्षेत्र में अपना जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. इस बार कामराज यहां से बीजेपी के टिकट के दावेदारों में शामिल हैं.

अशोक तंवर ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सिरसा से लोकसभा चुनाव जीता था. ऐसे में बीजेपी उन्हें इस बार इस सीट से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. सिरसा से मौजूदा बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल, अशोक तंवर का विरोध कर रही हैं. हालांकि, बीजेपी में शामिल होने से पहले तंवर ने कहा था कि वह टिकट पाने के इरादे से बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं. वह एक पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर जा रहे हैं.

इस वजह से परेशान हैं दुग्गल

मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल को सिरसा से अपना टिकट कटने का डर सता रहा है. इसके 3 बड़े कारण हैं:

  • पहला, बीजेपी द्वारा हाल ही में कराए गए सर्वे में हरियाणा की 2 सीटें बेहद कमजोर पाई गई हैं, इनमें से एक सिरसा और दूसरी रोहतक है. इलाके में उनकी सक्रियता काफी कम है.
  • दूसरा, 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सुनीता दुग्गल ने पूरे संसदीय क्षेत्र का एक धन्यवाद दौरा भी नहीं किया.
  • तीसरा, सबसे बड़ा कारण है उनका रवैया. सुनीता दुग्गल के रवैये और व्यवहार से सिरसा संसदीय क्षेत्र की जनता के साथ- साथ भाजपा कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी है.

पार्टी का बड़ा दलित चेहरा

अशोक तंवर इस समय हरियाणा में बीजेपी का बड़ा दलित चेहरा हैं. हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से 2 अंबाला और सिरसा आरक्षित हैं. अंबाला से बीजेपी सांसद रत्नलाल कटारिया के निधन के बाद पार्टी वहां किसी दलित चेहरे की तलाश में है. हालांकि, कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया भी इसबार चुनाव लड़ने की दावेदार हैं.

दूसरी रिजर्व सीट सिरसा से बीजेपी की सुनीता दुग्गल सांसद हैं, लेकिन पार्टी के आंतरिक सर्वे में उनकी रिपोर्ट अच्छी नहीं है. हरियाणा में बीजेपी के पास कोई बड़ा दलित चेहरा नहीं है, इसलिए पार्टी तंवर को लाकर उस खालीपन को भरना चाहती है. उन्हें सिरसा या अंबाला से लोकसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है.

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