Commonwealth Games 2022: हरियाणा के पहलवानों ने गाड दिया लठ्ठ, 3 गोल्ड मेडल, 1 सिल्वर और 1 ब्रांज जीतकर देशवासियों को दिया खुशियों का मौका

स्पोर्ट्स डेस्क | कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 में शुक्रवार का दिन हरियाणा के पहलवान खिलाड़ियों के नाम रहा. इन खिलाड़ियों ने अपने दमदार खेल का प्रदर्शन करते हुए खेल मैदान में लट्ठ गाड़ दिया और भारत की झोली को खुशियों से भर दिया. हरियाणा की माटी सोना उगलती है और माटी से निकले इन खिलाड़ियों ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया.

bajrang puniya

शुक्रवार को कुश्ती इवेंट में बजरंग पुनिया, दीपक पुनिया, साक्षी मलिक और पैरा पावर लिफ्टिंग में सुधीर ने गोल्ड मेडल जीता. वहीं अंशु मलिक ने सिल्वर और मोहित ग्रेवाल ने ब्रांज मेडल जीता. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विजेता खिलाड़ियों को बधाई दी. रात 10 बजे शुरू हुए कुश्ती के फाइनल में बजरंग पुनिया ने कुछ ही मिनटों में गोल्ड मेडल वाला दांव लगाकर भारतीयों को खुशी मनाने का मौका दिया.

बजरंग ने फिर दिखाया दम

बजरंग पूनिया ने पुरुषों के 65 KG फ्रीस्टाइल के फाइनल में कनाडा के लचलान मैकनील को 9-2 से हराकर गोल्ड मेडल जीता. यह लगातार तीसरा मौका है जब बजरंग पुनिया ने कामनवेल्थ खेलों में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है. इससे पहले टोक्यो ओलम्पिक में भी बजरंग ने रजत पदक जीता था. बजरंग पुनिया की कामयाबी पर परिवार के साथ पूरे देश में जश्न का माहौल है.

दीपक ने काढ़ ली सारी कसर

कुश्ती में हरियाणा के झज्जर जिले के गांव छारा के लाल दीपक पुनिया ने गोल्ड मेडल जीतकर हिंदुस्तान की जनता को खुशी मनाने का मौका दिया. दीपक पूनिया ने 86 किग्रा. फ्री-स्टाइल कुश्ती में पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम बट्‌ट को 3-0 से हराया. पूरे मैच में पाकिस्तानी खिलाड़ी थके हुए नजर आए और हरियाणा के शेर के आगे घुटने टेकने पर मजबूर हो गए.

साक्षी की दहाड़

वहीं रोहतक की खिलाड़ी साक्षी मलिक ने फाइनल मुकाबले में पहले राउंड में पिछड़ने के बाबजूद दूसरे राउंड में ऐसा खेल दिखाया कि विरोधी खिलाड़ी एन्ना गोडिनेज गोंजालेज को चारों खाने चित करते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया. उन्होंने ऐसा दांव लगाया जिससे विरोधी खिलाड़ी संभल ही नहीं पाई और साक्षी की जीत सुनिश्चित हो गई. साक्षी के पति अर्जुन अवार्डी सत्यव्रत कादियान ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने के लिए साक्षी कड़ी मेहनत कर रही थी और आज उनकी मेहनत रंग लाई है

सुधीर ने पिता को समर्पित किया पदक

कॉमनवेल्थ गेम्स में पैरा पावर लिफ्टिंग में सोनीपत जिले के गांव लाठ निवासी सुधीर ने गोल्ड मेडल जीता. उन्होंने यह गोल्ड मेडल अपने स्वर्गीय पिता को समर्पित किया. बेटे ने गोल्ड मेडल जीता है तो पूरे परिवार में खुशी का माहौल है लेकिन साथ ही गम भी है कि उनकी इन खुशियों में पिता राजबीर सिंह उनके बीच में नहीं है. वहीं सुधीर की मां ने कहा कि बेटा जब घर से गया था तो वादा किया था कि खाली हाथ नहीं लौटूंगा और आज उन्हें अपने बेटे की कामयाबी पर गर्व है.

21 साल की छोरी ने भी रचा इतिहास

जींद जिलें के गांव निडानी की 21 वर्षीय पहलवान बेटी अंशु मलिक फाइनल मैच में खूब लड़ी लेकिन नाइजीरियाई खिलाड़ी ओदुनायो की चुनौती से पार नहीं पा सकी. फाइनल मुकाबले में हार के साथ उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. अंशु मलिक पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलने उतरी थी और पहली बार में ही सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने हरियाणा के साथ हिंदुस्तान का नाम रोशन करने का काम किया. फाइनल मैच में हार का गम अंशु मलिक के चेहरे पर साफ नजर आया

मोहित ग्रेवाल

भिवानी जिले के गांव बामला के रहने वाले मोहित ग्रेवाल भी पहली बार कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लेने पहुंचे थे और उन्होंने भारत की झोली में ब्रांज मेडल डाला. ब्रांज मेडल जीतने के बाद मोहित ग्रेवाल ने कहा कि वो गोल्ड मेडल जीतने की तैयारी के साथ यहां आए थे लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई. अगली बार गोल्ड मेडल जीतने के लिए पहले से भी ज्यादा मेहनत करूंगा. मैं एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने की तैयारियों का लक्ष्य लेकर और ज्यादा मेहनत करूंगा.

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