हरियाणा के इन 9 जिलों में आज होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने किया अलर्ट जारी

चंडीगढ़ | हरियाणा में लोगों को जल्द ही गर्मी से राहत मिलने वाली है ऐसा इसलिए क्योंकि हरियाणा में आज 9 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में पंचकुला, यमुनानगर, करनाल, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, हिसार, भिवानी और चरखीदादरी शामिल हैं. दूसरी तरफ 4 जिलों पंचकुला, यमुनानगर, सोनीपत, पानीपत में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट है. उत्तरी हरियाणा के कुछ जिलों में रातभर बारिश हुई. इससे इन जिलों में घग्गर का जलस्तर फिर से बढ़ने की आशंका है.

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दक्षिणी हरियाणा में बारिश जारी

फिलहाल, दक्षिण हरियाणा के कई शहरों में बारिश का दौर जारी है. चंडीगढ़ मौसम विभाग के मुताबिक, फरीदाबाद, मेवात, पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, करनाल, पानीपत, जिंद, सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम में बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि यहां सुबह 10 बजे तक बारिश जारी रहेगी.

15 अगस्त तक बारिश की संभावना

12 जिले अभी बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें से 6 जिले यमुना से सटे हुए हैं और 6 जिले घग्गर से सटे हुए हैं. आगे भी इसी तरह बारिश जारी रहने की संभावना है. 15 अगस्त तक बारिश होने की उम्मीद है लेकिन, इस बारिश का असर कम हो सकता है.

चीका में जलस्तर खतरा बिंदु के करीब

हरियाणा के कैथल जिले के चीका से होकर गुजरने वाली घग्गर नदी का जलस्तर फिर से बढ़ गया है. घग्गर नदी का जलस्तर 14 फीट से बढ़कर 19 फीट हो गया है. खतरे का स्तर 23 फीट है. कई गांवों में नदी का कटाव अब भी जारी है. बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 1465 और 40 लोगों की मौत हो चुकी है. 6 लोग घायल हो गए हैं और 2 लापता हैं.

सीएम ने कुरूक्षेत्र में लिया जायजा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कल कुरूक्षेत्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया. कुरूक्षेत्र में करीब 15 हजार एकड़ में फसलें खराब हो गई हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि फसल पूरी तरह बर्बाद होने पर राज्य सरकार की ओर से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही, जिन किसानों ने दोबारा धान की रोपाई की है. उनकी फसल का सर्वेक्षण एवं सत्यापन का कार्य अधिकारियों की टीमों द्वारा तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाएगा.

31 तक सर्वे का काम होगा पूरा

दोबारा फसल लगाने वाले भी मेरी फसल- मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे. इसके बाद, सही आंकड़े मिलने के बाद फसलों के नुकसान का पूरा आंकड़ा सामने आ जाएगा क्योंकि दोबारा बुआई करने वाले किसान ने बीज, खाद और पौध पर खर्च किया होगा. यह काम 31 जुलाई के आसपास पूरा हो जाएगा.

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