यमुनानगर: कलेसर में बाघ दिखने के बाद सरकार ने लिया बड़ा फैसला, कमेटी गठन कर होगा ये काम

यमुनानगर | हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कार्बेट नेशनल पार्क से सटे यमुनानगर जिले के कलेसर नेशनल पार्क में हरियाणा सरकार टाइगर पार्क बनाने की संभावना पर विचार कर रही है. इसके लिए, राज्य सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है जो एक माह में अपनी रिपोर्ट तैयार कर जून में होने वाली जैव विविधता बोर्ड की बैठक में इसे प्रस्तुत करेगी.

Tiger Bagh

110 साल के बाद नजर आया बंगाल टाइगर

राष्ट्रीय उद्यान कलेसर में करीब 110 साल के लंबे अंतराल के बाद बंगाल टाइगर (बाघ) नजर आया है. राष्ट्रीय उद्यान कलेसर में आखिरी बार 1913 में बाघ नजर आया था. 18 अप्रैल 2023 की रात को 11:45 बजे तथा 19 अप्रैल की रात को 2:46 बजे जंगल में लगे फ्लैश एंड क्लिक कैमरे में बाघ की तस्वीरें कैद हुईं.

वन मंत्री ने की पुष्टि

प्रदेश के वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कलेसर के जंगल में बाघ के मिलने की पुष्टि करते हुए दो तस्वीरों को अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा भी किया है. जिसके बाद, राज्य सरकार ने जैव विविधता की चिंता करते हुए राज्य स्तर पर 2030 तक की कार्य- योजना तैयार करने का निर्णय लिया है. हरियाणा राज्य जैव- विविधता बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा तैयार की गई.

कलेसर में अलग से बनेगा टाइगर पार्क

इस कार्य योजना के तहत, हरियाणा जैव विविधता केंद्र बनाने का प्रस्ताव है. यह केंद्र नवाचारों और तकनीकी के स्रोत के साथ- साथ एक थिंक टैंक के रूप में काम करेगा. मुख्य सचिव ने बताया कि इस कार्य योजना को स्वीकार करने से पहले और समय- समय पर निगरानी के लिए एक सब कमेटी का गठन किया जाएगा.

इस कमेटी में वित्त विभाग के अलावा विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा जो जैव- विविधिता पर आंकड़े एकत्र करेगी और बारीकी से उनका अध्ययन करेगी. राज्य के किस क्षेत्र में नील गाय व अन्य वन्य जीवों की संख्या बढ़ी है, बैठक में इस पर विचार किया गया. बैठक में इस बात पर सहमति बनी की कलेसर पार्क में अलग से टाइगर पार्क बनाया जाएगा.

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