हरियाणा के किसान ने की रंग बिरंगी शिमला मिर्च की खेती, एक एकड़ से 15 लाख की कमाई

पानीपत | हरियाणा के किसान अब खेती में नए बदलाव कर रहे हैं वे पुरानी परंपरा को तोड़ मुनाफे की फसल को उगाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. पानीपत के बडोली गांव के किसान नरेश अब गेहूं और धान की परंपरा को छोड़ सब्जियों से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अपने 3 एकड़ की जमीन पर नरेश रंग बिरंगी शिमला मिर्च उगाकर लाखों रूपये सालाना कमा रहे हैं. इन शिमलामिर्च की खेती ड्रिप सिस्टम द्वारा की जाती है.

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नरेश बताते हैं कि 2012 में उन्होंने ड्रिप सिस्टम और पॉलीहाउस द्वारा खेती करना शुरू किया था. पहले साल नरेश को ज़्यादा फायदा नहीं हुआ लेकिन जब उन्होंने अन्य फसलों से तुलना की तो ये काफ़ी ज़्यादा था. इसके बाद से नरेश हर साल रंगीन शिमला मिर्च उगाने लगे. ये शिमलामिर्च हरे , लाल और पीले रंग की होती हैं.

नरेश का कहना है कि वे हर साल एक एकड़ से लगभग 12 से 15 लाख रूपये शिमलामिर्च की खेती से कमाते हैं. इसमें प्रति एकड़ 4 लाख रुपए का खर्च भी आता है. शादियों के सीजन में शिमलामिर्च का दाम उन्हें दो सौ रूपये से तीन सौ रूपये प्रति किलो का दाम उन्हें मिल जाता है. ऑफ सीज़न में इसकी बिक्री सौ रूपये प्रति किलो होती है.

नरेश की फसलों की सप्लाई पानीपत और दिल्ली की मंडी में होती है. 2012 में सरकार से  मिले अनुदान राशि से उन्होंने यह पॉलीहाउस शुरू किया था. इसके अलावा 3 एकड़ में वे खीरे की खेती भी करते हैं. सीडलेस खीरा बाजार में 20 से 25 रूपये प्रति किलो बिकता है. हरियाणा बागवानी विभाग द्वारा उन्हें समस्या आने पर पूरा सपोर्ट मिलता है. नरेश कुमार बागवानी विभाग के अलावा इंडो इजरायल कृषि फार्म  की मदद से वे अपनी खेती में नए प्रयास करते रहते हैं. इस खेती में उन्हें मेहनत तो करनी पड़ती ही है लेकिन उसका फायदा भी मिलता है.

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