अब गुरुजी के हाथ में नहीं होंगी किताब, इस तकनीक से होंगी पढ़ाई

बवानीखेड़ा । समय के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में भी पढ़ाने के तौर-तरीकों में बदलाव होने लगा है. अध्यापक अब कक्षा में बच्चों को ज्ञान बांटने के लिए हाथ में पुस्तक लेकर पन्ने पलटते हुए नहीं दिखेंगे क्योंकि राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूलों में बच्चों को शिक्षा देने के लिए नई तकनीक का उपयोग होने जा रहा है. इस तकनीक से तहत मास्टर जी को चाक से हाथ भी सफेद नहीं करने होंगे.

Teacher

कम्प्यूटर के एक क्लिक पर होगा सब-कुछ

भिवानी के बवानीखेड़ा शहर के राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल में नई तकनीक के तहत डिजिटल बोर्ड व डिजिटल भाषा लैब की स्थापना की गई है. यह नई तकनीक कम्प्यूटर के एक क्लिक से शुरू होंगी. डिजिटल बोर्ड पर ही एक क्लिक के जरिए अध्यापक जिस भी विषय की किताब खोलना चाहेंगे ,वह किताब बोर्ड पर अपने आप आ जाएंगी. इतना ही नहीं पाठ व पेज नंबर भी खुल जाएगा.

तीन भाषाएं,20 छात्रों के बैठने की व्यवस्था

इस डिजिटल लैब में एक साथ तीन भाषाओं( इंग्लिश, हिंदी, संस्कृत) में काम किया जा सकेगा. लैब में एक समय में 20 स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था की गई है. इस डिजिटल बोर्ड पर एक क्लिक के जरिए परीक्षा के लिए प्रश्न-पत्र व उतर कुंजी भी प्रस्तुत की जा सकेगी ताकि छात्रों को बोर्ड के माध्यम से ही परीक्षा का सटीक रिजल्ट हासिल हो सकें. हालांकि इस व्यवस्था के लिए इंटरनेट का होना बेहद जरूरी होगा.

सीबीएसई से मान्यता मिलने के बाद इस स्कूल में इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई शुरू हो गई है. इंग्लिश मीडियम में छात्राओं को भी एडमिशन दिया जा रहा है.

शिक्षकों को दी जा रही है विशेष ट्रेनिंग: प्रिंसिपल

प्रधानाचार्य संतोष भाकर ने बताया कि स्कूल में नई तकनीक के माध्यम से डिजिटल बोर्ड व डिजिटल लैब की स्थापना की गई है. इसके लिए अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि स्कूल में लैब शुरू हो चुकी है और बच्चों को इस नई तकनीक के माध्यम से ही शिक्षा दी जाएगी.

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