सेना की भर्ती नही होने से ओवरएज हुए युवक ने चूमा फांसी का फंदा, सुसाइड नोट में लिखी दिल पिघला देने वाली बात

भिवानी । हरियाणा में पेपर लीक और लंबे समय तक कोर्ट केस के चलते पेंडिंग भर्ती से आहत प्रदेश के युवाओं को सेना भर्ती की आस रहती है लेकिन तीन साल से सेना की खुली भर्ती नहीं आने की वजह से युवा मानसिक तौर पर इतने आहत हो चुके हैं कि वो आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं. ऐसा ही एक वाकया भिवानी जिलें के आदर्श गांव व सांसद चौधरी धरमबीर सिंह के पैतृक गांव तालु से सामने आया है जहां एक 22 वर्षीय युवक ने तीन साल से भर्ती नहीं निकलने की वजह से ओवरएज होने के चलते फांसी का फंदा लगाकर मौत को गले लगा लिया.

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फांसी लगाने के साथ ही युवक ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें लिखा कि, “पापा जी, अगले जन्म में मैं जरुर फौजी बनूंगा.” बचपन से ही युवक में फौज में भर्ती होने का ऐसा जुनून सवार था कि सालों से वो हर रोज दिन में तीन बार दौड़ लगाता था. युवक पवन की मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर दिया है और ग्रामीण अब सरकार से एक ही मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सेना की भर्ती निकाली जाएं ताकि किसी और का लाल ऐसे आहत होकर दुनिया को अलविदा न कहें.

बता दें कि 22 वर्षीय युवक पवन ने बचपन से ही सेना में भर्ती होने का सपना संजो रखा था और इसके लिए वह कड़ी मेहनत भी कर रहा था. देश सेवा का जुनून लिए पवन हर रोज कई किलोमीटर की दौड़ लगाता था,पर होनी को कुछ और ही मंजूर था. वहीं इस मामले के सोशल मीडिया पर वायरल होने पर देशभर से अनेक नेताओं ने सरकार को कोसा है और युवाओं के भविष्य को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है.

सेना की देखी तीन भर्तियां

पवन इससे पहले सेना की तीन भर्तियां देख चुका था लेकिन सेलेक्शन नहीं हो पाया. अब कोरोना महामारी की वजह से तीन साल से भर्ती नहीं निकल पाई और वह ओवरएज हो गया. इसी बात से वह इतना आहत हो गया कि अपने गांव के जिस स्कूल के ट्रैक पर वह हर रोज दौड़ लगाता था, उसी पर सुसाइड नोट लिख उसने पास के पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर मौत हो गले लगा लिया. पवन ने लिखा कि पापा अगले जन्म में मैं जरुर फौजी बनूंगा.

सुबह युवाओं ने देखा पेड़ से लटका शव

सुबह जब गांव के बच्चे ट्रैक पर दौड़ लगाने के लिए गए तो वहां पेड़ से पवन का शव लटका देखकर हैरान रह गए. पेड़ के पास ट्रैक पर पवन का सुसाइड नोट लिखा देखकर परिजनों व पुलिस को सूचना दी गई. परिजनों ने पुलिस को किसी तरह की कार्रवाई करने से इंकार कर दिया और दुःखी मन से अपने लाल का अंतिम संस्कार कर दिया.

बेटे की मौत से आहत पिता जसवंत ने बताया कि पवन में बचपन से ही देश सेवा करने का जुनून था और वह सेना में भर्ती होने के लिए कड़ी मेहनत करता था. लेकिन अब भर्ती न निकलने की वजह से बेटा अंदर से टूट चुका था और उसने दुखी होकर आत्महत्या कर ली. पिता ने सरकार को अपने बेटे की मौत का जिम्मेदार ठहराया और साथ ही सरकार से जल्द भर्ती करने की अपील की ताकि किसी और का लाल इस तरह का कदम न उठाए. वहीं पवन को आदर्श मानकर सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं ने भी सरकार से जल्द से जल्द भर्ती निकालने की अपील की है.

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