Share Market: यदि बजट में हुए ये 5 ऐलान, तो दौड़ने लगेगा शेयर मार्केट; यहाँ पढ़े वो 5 पॉइंट

नई दिल्ली, Share Market | साल 2023 की शुरुआत से जारी फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर की बिकवाली शेयर बाजार की चिंता बढ़ा रही है. इसकी मुख्य वजह बाहरी जोखिम बताया जा रहा है. वहीं, कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार महंगा है. बजट 2023 के कुछ ऐलान विदेशी नागरिकों को लुभाने में खासे मददगार हो सकते हैं. इसके साथ, डोमेस्टिक इंस्टिट्यूशन इन्वेस्टर की भी घरेलू बाजार में खरीदारी बढ़ सकती है. NSDL Data के अनुसार, 1 जनवरी से 21 जनवरी के बीच FPI भारतीय बाजारों में 15,236 करोड रुपए निकाल चुके हैं जो पिछले महीने में 11,119 करोड रुपए थे.

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क्या है FPI और DII

विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में विदेशी वित्तीय संपत्ति खरीदने वाला निवेशक शामिल होता है. इसमें सावधि जमा, स्टॉक और म्यूचुअल फंड जैसी वित्तीय संपत्तियों की एक श्रृंखला शामिल है. सभी निवेश निष्क्रिय रूप से निवेशकों द्वारा आयोजित किए जाते हैं. विदेशी पोर्टफोलियो में निवेश करने वाले निवेशकों को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक के रूप में जाना जाता है.

DII का Full Form होता हैं Domestic Institutional Investors जैसे की इसके नाम से आपको Idea लग गया होगा यह घरेलु निवेश संस्थाए होती है जो की देश के कंपनियों में निवेश करने में लोगो की मदद करती है.

2022 में हुई रिकॉर्ड बिकवाली

FPI ने साल 2022 में कुल मिलाकर 1,21,439 करोड रुपए की बिकवाली की थी. वहीं, फॉरेन इंस्टिट्यूट इनवेस्टर्स ने जनवरी में बिकावाली की है. 1 से 20 जनवरी के बीच FII 19,880 करोड रुपए की बिकवाली कर चुके हैं. दिसंबर महीने में यह बिकवाली 14,231 करोड़ रूपये थी. 2022 में उन्होंने रिकॉर्ड 2 लाख 78 हजार 429.52 करोड़ रूपये बिकवाली की थी.

बजट से है यह पांच उम्मीदें

  • CTT/ STT लगाए जाने से मार्केट की लिक्विडिटी को झटका लगा है  इसी वजह से ट्रांजैक्शन के लिए फीस भी बढ़ा दी गई है. ट्रांजैक्शन के लिए बढ़ी फीस से प्रॉफिट कम हुआ है.
  • सेक्शन 88ई के तहत STT/ CTT रिबेट से ट्रेंडिंग वॉल्यूम बढ़ेगा और सरकार को भी फायदा होगा.
  • जरूरी सब्सिडीज के साथ डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर में कैंपस से घरेलू और विदेशी निवेशकों में टेक्नोलॉजीज और कैपिटल के रूप में भी निवेश आएगा.
  • मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार, बजट में प्रॉफिट बुकिंग के लिए लोंग टर्म कैपिटल गेन टैक्स घटाकर 5 फ़ीसदी किया जा सकता है.
  • एनआरआई के लिए FPI नियम लचीले किए जा सकते हैं जो पूल्ड व्हीकल मास्टर फीडर के जरिए निवेश कर रहे हैं. इससे वे हमारी जैसी इमर्जिंग इक्नॉमीज के लिए अलोकेशन बढ़ा सकेंगे.

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