केजरीवाल की कथनी और करनी में है फर्क, विधायकों को नहीं है पेंशन की आवश्यकता- अभय चौटाला

चंडीगढ़ । हरियाणा में कई बार सरकार बना चुकी इनेलो ने अब आम आदमी पार्टी से दो कदम आगे बढ़ाते हुए किसी भी विधायक को उसके कार्यकाल के बाद मिलने वाली पेंशन का विरोध किया है. बता दें कि आम आदमी पार्टी का मानना है कि पूर्व विधायकों को एक की पेंशन मिलनी चाहिए, इसी को लेकर इनेलो महासचिव अभय चौटाला ने शनिवार को चंडीगढ़ में कहा कि हमें पेंशन लेने के लिए विधायक नहीं बनाया जाता.

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अभय चौटाला ने साधा केजरीवाल पर निशाना

उन्होंने कहा कि विधायकों को इतनी सुविधाएं दी जाती है, फिर उन्हें आखिरकार पेंशन की क्या आवश्यकता. चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि प्रदेश की जनता हमें विधायक चुनकर इसलिए विधानसभा भेजती है, ताकि हम उनकी परेशानियों और कठिनाइयों का सरकार से बातचीत करके समाधान करवा सके. विधानसभा में खड़े होकर अलग-अलग तरह के भत्ते की मांग करना विधायक को शोभा नहीं देता.

वही अभय चौटाला ने विधायकों की पेंशन पर आप के स्टैंड को लेकर कहा कि केजरीवाल की कथनी और करनी में काफी फर्क है. वह स्वयं आईआरएस की पेंशन अलग से और विधायक होने की अलग से पेशन ले रहे है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में विधायकों को सबसे ज्यादा पेशन और भत्ते दिए जा रहे हैं. कई बार केजरीवाल सरकार की तरफ से विधायकों के भत्ते भी बढ़ाई गए हैं.

कुश्ती, निशानेबाजी और तीरंदाजी खेलों को दोबारा से राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल करने की मांग की को लेकर अभय चौटाला ने कहा कि सीएम हरियाणा को इस बारे में केंद्र सरकार से बातचीत कर अपना पक्ष मजबूत रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने ओलंपिक संघ समेत खेल जगत की अलग-अलग एसोसिएशन से इन खेलों को वापस राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल करने को लेकर बातचीत की है. किसानों को सरसों की फसल के खराब होने का भी मुआवजा मिलना चाहिए. हरियाणा में भाजपा गठबंधन सरकार ने बुढ़ापा पेंशन 5100 रूपये करने का वादा किया था, परंतु आज तक प्रदेश में यह पेंशन नहीं दी गई. आज प्रदेश में पेंशन बढ़ाई नहीं जा रही, बल्कि उसमें कमी की जा रही है.

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