भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर 25 सितंबर तक लगी रोक, अब हाईकोर्ट ने कही ये बात

चंडीगढ़ | पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनावों पर रोक जारी रखते हुए मामले की सुनवाई 25 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है. सोमवार को सुनवाई के दौरान भारतीय कुश्ती महासंघ ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय मांगा, जिसपर हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक जारी रखते हुए सुनवाई स्थगित कर दी. बता दे हाईकोर्ट ने 11 अगस्त को चुनाव पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था.

HIGH COURT

25 जुलाई के आदेश को दी चुनौती

याचिकाकर्ता निकाय ने डब्ल्यूएफआई के रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा पारित 25 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है जिसमें आगामी चुनावों के लिए डब्ल्यूएफआई के इलेक्टोरल कॉलेज से हरियाणा एमेच्योर कुश्ती एसोसिएशन द्वारा नामित प्रतिनिधियों को बाहर करने पर याचिकाकर्ता निकाय की आपत्ति को खारिज कर दिया गया था.

याचिकाकर्ता निकाय के वकील ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ कभी भी एचओए से संबद्ध नहीं था और डब्ल्यूएफआई के चुनावों में मतदान करने के लिए पात्र होने के लिए, एक संघ को राज्य ओलंपिक संघ के साथ पंजीकृत होना चाहिए. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य ओलंपिक एसोसिएशन ने भी माना कि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती फेडरेशन से मान्यता प्राप्त नहीं है.

न्यायालय ने कही ये बात

बता दे कि हरियाणा कुश्ती संघ, हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त है. उच्च न्यायालय के समक्ष मुख्य विवाद हरियाणा कुश्ती संघ और हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ के बीच डब्ल्यूएफआई चुनावों के लिए मतदान के अधिकार को लेकर है. हरियाणा कुश्ती महासंघ को हरियाणा ओलंपिक संघ द्वारा मान्यता प्राप्त है जबकि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती महासंघ को डब्ल्यूएफआई द्वारा मान्यता प्राप्त है.

उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए चुनाव पर रोक लगा दी थी कि चूंकि पार्टियों के वकील ने तर्क दिया कि उनके पास 12 अगस्त को होने वाले डब्ल्यूएफआई कार्यकारी समिति के चुनाव में मतदान करने का महत्वपूर्ण अधिकार है इसलिए डब्ल्यूएफआई कार्यकारी समिति चुनाव पर रोक लगाने का आदेश दिया जाता है.

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