2026 तक हरियाणा को बाढ़ मुक्त बनाने का लक्ष्य, इन योजनाओं पर काम करेगी सरकार

चंडीगढ़ | मानसून सीजन में प्रति वर्ष जलभराव की विकराल समस्या से जूझने वाले प्रदेश के लोगों को इससे छुटकारा दिलाने के लिए हरियाणा सरकार ने कमर कस ली है. सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में वीरवार को फ्लड कंट्रोल बोर्ड की एक बैठक हुई ह. जिसमें फैसला लिया गया है कि अब साल में दो बार जनवरी और मई में फ्लड कंट्रोल बोर्ड की बैठक हुआ करेगी. बैठक के बाद, मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम ने बताया कि मई में जनवरी की मीटिंग में तय किए गए छोटी अवधि के प्रोजेक्ट कार्य, मिड और लांग टर्म प्रोजेक्ट का रिव्यू किया जाएगा.

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दोगुना हुआ बजट

सीएम मनोहर लाल ने बताया कि इस बार 528 प्रोजेक्ट तय किए गए हैं जिनपर लगभग 1100 करोड़ की लागत आएगी. पिछले बार के मुकाबले इस बार बजट को दोगुना किया गया है. उन्होंने इस मीटिंग हुई में आबादी और कृषि क्षेत्र इलाकों में जमा हो रहे पानी को ड्रेन आउट की बजाय रिचार्ज करने पर जोर देने की बात कही.

किसानों के लिए राहत भरा फैसला

प्रदेश के सीएम ने कहा कि फ्लड वाली जमीन को लेकर हमारी सरकार किसानों के साथ खड़ी हैं. जहां एक एरिया में 50 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पानी खड़ा हैं, ऐसी जमीन पर सरकार परमानेंट तालाब या रिचार्ज वेल बनाने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि साल 2026 तक प्रदेश को बाढ़ मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. खासकर मध्य हरियाणा के 10 ज़िले, जहां बरसाती सीजन में ज्यादा पानी खड़ा हो जाता है,उन पर विशेष फोकस किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में खड़े पानी की निकासी और पानी के दोबारा इस्तेमाल के लिए 312 करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाएं अनुमोदित की गई हैं. इस बार जलभराव की निकासी के लिए क्लस्टर एप्रोच के माध्यम से योजनाएं तैयार की गई हैं. भिवानी जिले को एक क्लस्टर माना गया है, जिसके तहत 8 गांवों कुंगड़, जटाई, धनाना, बढेसरा, सिवाड़ा, प्रेमनगर, घुसकानी, ढाणी सुखन के आबादी एरिया व जलभराव वाले इलाकों में एचडीपीई पाइपलाइन बिछाई जाएगी. इस पर लगभग 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च होगी. इससे लगभग 2 हजार एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी.

इसके अलावा, 3 गांवों सिंघवा खास, पुठ्ठी और मदनहेड़ी को मिलाकर एक योजना बनाई गई है, जिस पर 9.31 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी. इससे लगभग 1500 एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी. इसी प्रकार, लगभग 4 करोड़ रुपये की लागत की एक ओर योजना बनाई गई है, ‌जिसके क्रियान्वित होने से 885 एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी.

इसी प्रकार, जिला हिसार को क्लस्टर मानकर 3 गांवों भाटोल जाटान, रांगड़ान और खरकड़ा के खेतों से पानी की निकासी के लिए 3.20 करोड़ रुपये की योजना अनुमोदित की गई है. इससे लगभग 750 एकड़ जलभराव वाली भूमि का सुधार होगा.

सीएम मनोहर लाल ने बताया कि एक कदम और आगे बढ़ते हुए सरकार ने एक नई योजना बनाई है, जिसके तहत किसान अपनी भूमि पर रिचार्जिंग बोरवेल लगा सकता है. इसके लिए किसानों से आवेदन मांगे गए थे. अब तक 20 हजार किसानों के आवेदन आ चुके हैं. इन बोरवेल पर सरकार पैसा खर्च करेगी और किसानों से भी कुछ सहयोग लिया जाएगा.

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