हरियाणा सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का नए सिरे से किया गठन, Backward Classes को होंगे यें फायदे

चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने पिछले दिनों किए गए अपने वादे को पूरा करते हुए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया है. बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग आयोग का नए सिरे से गठन करने की घोषणा की थी. प्रदेश सरकार ने आयोग के गठन की अधिसूचना जारी करते हुए आयोग में चैयरमेन समेत 5 सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी है. सेवानिवृत्त न्यायाधीश दर्शन सिंह को आयोग का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है.

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ये आयोग राज्य में पिछड़ा वर्गों की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक परिस्थितियों का अध्ययन करेगा. सरकार में पिछड़ा वर्गों के प्रतिनिधित्व और भागीदारी तथा सरकार के लाभों और स्कीमों पर रिपोर्ट तैयार करेगा. इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़ा वर्ग के स्टूडेंट्स को कितना लाभ मिल रहा है , उसके उपर भी आंकलन करेगा.

पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए रोजगार के कितने अवसर हैं और साथ ही रोजगार अवसरों में किस प्रकार वृद्धि की जाएं , इन उपायों पर काम करने की भी आयोग को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा राज्य में पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के अनुपात का प्रावधान किये जाने का अध्ययन करना और सिफारिश करने की जिम्मेदारी भी आयोग को दी गई है.

बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीते मंगलवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पिछड़ा वर्ग आयोग का नए सिरे से गठन करने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार गरीब परिवारों के उत्थान को लेकर प्रतिबद्ध हैं. प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति एवं समाज कल्याण विभाग के महानिदेशक और हरियाणा सरकार के विशेष सचिव मुकुल कुमार को भी आयोग का सदस्य मनोनीत किया है . इसके अलावा पूर्व कुलपति डॉ एसके गखर व श्याम लाल जांगड़ा को इस आयोग में बतौर सदस्य शामिल किया गया है.

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