सीएम खट्टर की प्रेस कांफ्रेंस: गठबंधन पर दिया बड़ा बयान, किसानों के प्रदर्शन पर कही ये बात; पढ़े ख़ास बाते

चंडीगढ़ | हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने शनिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए गठबंधन तोड़ने की चल रही बातचीत पर विराम लगाने की कोशिश की है. सीएम ने कहा कि गठबंधन जारी रहेगा, लेकिन वह बार- बार इस बात को दोहराते रहे. निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक को लेकर हरियाणा प्रभारी गोलमोल जवाब देते रहे.

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सीएम ने कहा कि हमारे एक सज्जन (रामकरण कला) किसानों के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं और उन्होंने अपने शुगरफेड चेयरमैन का इस्तीफा भेजा है, लेकिन मुझे वह इस्तीफा नहीं मिला है. इस्तीफे से पहले रामकरण से मुलाकात हुई थी. एमएसपी घोषित करने की बात कह रहे थे. यह मुमकिन नहीं था.

रोड जाम करना उचित नहीं

सीएम ने कहा कि कुछ राजनीतिक संगठन दबाव बनाने की राजनीति करते हैं. कुछ संगठन दबाव बनाने के लिए कहते हैं कि आज का काम करो. हमारे एक सज्जन ने इस्तीफा दे दिया. वे राजनीति कर रहे हैं. वह इस्तीफा मेरे पास आना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब इस्तीफा आएगा, हम उनसे बात करेंगे. हाईवे जाम करना समाधान नहीं है. हाईवे जाम करना लोकतंत्र का हिस्सा नहीं है. लोकतंत्र में इस तरह के प्रदर्शनों का कोई स्थान नहीं है. आप दूसरों की स्वतंत्रता में विवश नहीं हो सकते, कोई न कोई हाईकोर्ट जाता है.

कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

सीएम ने कहा कि किसानों पर लाठीचार्ज के आदेश पर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की है. हाईवे को बंद नहीं किया जा सकता, इससे पूरा पंजाब, जम्मू-कश्मीर प्रभावित होता. किसान हमारा अन्नदाता है. किसान के प्रति हमारे मन में सम्मान का भाव है.

गठबंधन की थी हमें जरूरत: सीएम

सीएम ने कहा कि हमने गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ा. गठबंधन हमारी जरूरत थी और जजपा की भी जरूरत थी यह जनहित में किया गया. जब किसी के पास बहुमत नहीं था, तब अंडरस्टैंडिंग बनी. हमारा गठबंधन जारी रहेगा. मेरे सामने गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. संस्था का निर्णय प्रभारी लेता है. सीएम ने कहा कि प्रभारियों के साथ बैठक करने वाले निर्दलीय को मैं नहीं जानता. संगठन के काम की अपनी जगह होगी, सरकार के काम की अपनी जगह होगी. संस्था के निर्णय में प्रभारी ही निर्णय लेता है. आप लोग प्रभारी से मिल चुके निर्दलीय विधायकों से मिले.

भावांतर योजना से की नाराजगी दूर

किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए सीएम ने भावांतर भरपाई योजना के तहत उनके खाते में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल भेजे. कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में धरने पर बैठे किसानों की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया. किसानों ने 12 जून को महापंचायत बुलाई है. कुरुक्षेत्र में कुछ दिन पहले सूरजमुखी की एमएसपी खरीद की मांग को लेकर किसानों पर लाठीचार्ज किया गया था.

योजना का एडवांस में भेजा जा रहा पैसा

सीएम ने कहा कि किसानों में भ्रम फैलाया गया है कि हम किसानों के बारे में नहीं सोचते. जितना हम सोच रहे हैं शायद अभी तक किसी ने नहीं सोचा होगा. चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार. कहीं भी पिछली सरकारों की तुलना में बहुत अधिक. हमारे देश में किसानों की स्थिति दयनीय थी.

1000 रुपये प्रति क्विंटल अंतरिम मुआवजे के तौर पर भेजा जा रहा है. भावांतर भरपाई योजना में 29 करोड़ 13 लाख 12 हजार रुपये की धनराशि भेजी जा रही है. यह पैसा एडवांस में भेजा जा रहा है. सीएम ने इसका शुभारंभ किया. 36414 एकड़ के 8528 किसानों को इसका लाभ मिलेगा.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेस वार्ता की मुख्य बातें

हरियाणा के सूरजमुखी की फसल के किसानों को सरकार ने दी राहत

1000 रूपये सुरजमुखी की फसल का अंतरिम भावान्तर भरपाई का अमाउंट किया रीलिज

8528 किसानों को 36414 एकड़ का 29 करोड़ 13 लाख 12 हजार रूपये किया रीलिज

कल कुछ फसल का रेट हैफेड के कमर्शियल रेट 4800 रूपये से ज्यादा 4850 रूपये बिका

पंजाब में अब भी सूरजमुखी का रेट 4000-4200 रूपये तक ही

सूरजमुखी एमएसपी के रेट तक जाए इसके लिए सरकार कर रही है काम

केंद्र सरकार ने 17 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 19 लाख 72 हजार किसानों के खाते में 13 किस्तों में 4287 करोड रुपए की राशि डाली गई

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत साढे 8 सालों में 27 लाख किसानों को 6189 करोड़ों की राशि दी गई

हमारी सरकार ने खराब हई फसलों की मुआवजा राशि 10 हजार 000 से बढ़ाकर 15 हजार प्रति एकड़ की

आज तक किसानों को 9790 करोड़ की मुआवजा राशि दी गई जिसमें पिछली सरकार की 269 करोड रुपए की मुआवजा राशि भी शामिल

हमनें 2-5 रूपये की बजाय कम से कम 500 रूपये के मुआवजे के चेक देना सुनिश्चित किया

पिछली सरकार द्वारा 10 वर्षों में केवल 1158 करोड का दिया गया मुआवजा

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 1000 प्रति एकड़ की दर से 103 करोड़ की राशि दी गई

किसानों के लिए आखिरी टेल तक हमने पानी पहुंचाने का हमनें काम किया

फसलों की खरीद को सरल बनाने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा ई खरीद पोर्टल शुरू किया

गन्नौर में 537 एकड़ भूमि पर 7000 करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर होर्टीकलचर मार्केट निर्माणाधीन

सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए 85 फीसदी तक किया जाता है अनुदान

किसानों का सौलर ऊर्जा के बिजली के 53000 ट्यूबवेल कनेक्शन दिए गए, इसके लिए सरकार ने 960 करोड़ की सब्सिडी भी दी

बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए गए

प्रगतिशील किसान सम्मान योजना के तहत प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहन राशि दी

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