हरियाणा कैबिनेट बैठक में युवाओ के लिए बड़ा फैसला, अब HCS परीक्षा में मिलेंगे 5 विकल्प; CET रजिस्ट्रेशन के लिए आधार जरुरी

चंडीगढ़ | जैसा कि आप सभी जानते हैं हरियाणा में HPSC की तरफ से HCS परीक्षा आयोजित की जानी है. हरियाणा लोक सेवा आयोग की तरफ से परीक्षा की तारीख में घोषित कर दी गई है. घोषित की गई तारीख के अनुसार, HCS की परीक्षा 21 मई को हरियाणा के विभिन्न केंद्रों में आयोजित की जाएगी. इसी के चलते आयोग की तरफ से कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी भी जारी की गई है.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया है कि हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा के हर प्रश्न के लिए पांच विकल्प यानि (ए, बी, सी, डी और ई) दिए जाएंगे.

कोई भी गोला काला न करने पर कटेंगे अंक

यदि कोई अभ्यर्थी किसी प्रश्न का उत्तर देने के लिए प्रयास करता है तो उसे उपयुक्त गोले ‘ए’ ‘बी’, ‘सी’ या ‘डी’ को काला करना होगा. अगर कोई प्रश्न नहीं करना है तो उसे ‘ई’ गोले को काला करना होगा. ऐसा होता है कि किसी भी गोले को काला नहीं किया जाता है तो इसके लिए अभ्यर्थी का एक चौथाई (0.25) अंक काट लिया जाएगा. यदि कोई भी उम्मीदवार 10 प्रतिशत से ज्यादा प्रश्नों के पांच गोलों में से किसी एक को काला नहीं करता है उसे अयोग्य करार कर दिया जाएगा.

HPSC ने सरकार को भेजा था प्रस्ताव

दरअसल, एचपीएससी ने एचसीएस व एलाइड सर्विस की पिछली भर्ती में 5वा विकल्प हैशटैग लागू किया था. कोई अभ्यर्थी किसी प्रश्न को हल नहीं करना चाहता तो हैशटैग के सामने वाले गोले को भरना था. अब हेस्टैग की जगह पांचवा विकल्प दिया गया है. मंत्रिमंडल ने हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) नियम में इस संशोधन को स्वीकृति दे दी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाद में ओएमआर शीट में कोई गड़बड़ ना हो. हरियाणा लोक सेवा आयोग की तरफ से इस बारे में सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया था.

सीईटी के रजिस्ट्रेशन में आधार जरूरी

मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्रुप- सी और गुप- डी प पर सामान्य पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को रजिस्ट्रेशन के समय आधार प्रमाणीकरण सेवा का इस्तेमाल पोर्टल पर अनिवार्य करने का निर्णय लिया है. भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाने और भती उद्देश्य विशेष रूप से कंप्यूटर डाटा में फर्जी या डुप्लीकेट उम्मीदवारों की अनावश्यक जानकारी को खत्म करने में मदद के लिए यह फैसला लिया गया है.

इससे सीधी सरकारी भर्ती प्रक्रिया में विश्वसनीयता भी बनी रहेंगी. जब कोई व्यक्ति अपने बॉयोमेट्रिक डाटा को शेयर करने के लिए रजामंद होता है तो आधार अधिनियम में निजता के अधिकार की अवहेलना नहीं करना है. सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न फैसलों में आधार की वैलिडिटी को बनाए रखा है.

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