हरियाणा में लोकसभा चुनावों में पुरानी पेंशन योजना रहेगी हावी, हार जीत करेगा तय

चंडीगढ़ | हरियाणा में लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा अहम साबित होने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने इसे लागू करने से साफ इनकार कर दिया है और नई पेंशन योजना में संशोधन के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है. विपक्ष के पास यह एक अच्छा मौका है. हिमाचल में ओपीएस लागू किया गया है.

NPS PENSION

बहाली की घोषणा करेगी कांग्रेस

बता दें कि विपक्षी दल कांग्रेस सत्ता में आते ही बहाली की घोषणा कर वापसी की कोशिश में है. चूंकि, यह मुद्दा केंद्र और राज्य दोनों से जुड़ा है इसलिए कर्मचारी संगठनों के साथ- साथ राजनीतिक दल भी इस मुद्दे को लोकसभा चुनाव में भुनाने की कोशिश करेंगे. देखना यह है कि प्रदेश का कर्मचारी वोट बैंक किसके खाते में जाएगा.

इस वजह से है ये अहम मुद्दा

किसी भी राज्य की सरकार बनाने या बिगाड़ने में कर्मचारियों की अहम भूमिका होती है. 2.70 लाख कर्मचारियों की संख्या मायने रखती है. इसके अलावा, कर्मचारी अपने आश्रितों और आस- पड़ोस के अन्य लोगों से भी जुड़ा रहता है. इसलिए यह मुद्दा हर कर्मचारी और उसके परिवार को प्रभावित करता है. यही कारण है कि चुनाव में काफी अहम रोल माना जाता है.

इनका ये कहना

जहां तक ओपीएस का सवाल है तो यह केंद्र का मामला है. इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया है, उसी रिपोर्ट के आधार पर आगे का फैसला लिया जाएगा- सुदेश कटारिया, मीडिया समन्वयक, मुख्यमंत्री हरियाणा

कांग्रेस की सरकार बनते ही प्रदेश में ओपीएस बहाल की जाएगी. हिमाचल और छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही ऐसा कर चुकी है, लेकिन राज्य सरकार मामले को लटकाने के लिए इसे केंद्र का मामला बता रही है- भूपेंद्र सिंह हुड्डा, नेता प्रतिपक्ष

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!