हरियाणा में एक तिहाई राशन डिपो महिलाओं को किए जाएंगे अलॉट, CM खट्टर ने की बड़ी घोषणा 

चंडीगढ़ | हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महिलाओं को बड़ी राहत दी है. सीएम ने घोषणा की है कि भविष्य में राज्य में आवंटित सभी राशन डिपो का एक तिहाई हिस्सा महिलाओं को आवंटित कर दिया जाएगा. इसके साथ ही, स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए पोर्टल बनाया जाएगा. गुणवत्ता प्रमाण पत्र के साथ उत्पादों की ब्रांडिंग भी की जाएगी. सीएम खट्टर ने बताया कि हरियाणा में 2014 में केवल 812 स्वयं सहायता समूह थे जो पिछले साढ़े आठ वर्षों में बढ़कर 57 हजार से अधिक हो गए हैं.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं सहायता समूहों के हितग्राहियों से ऑडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधे संवाद करते हुए कई बड़ी घोषणाएं कीं. उन्होंने कहा कि भविष्य में जितने भी राशन डिपो आवंटित होंगे उनमें से राशन डिपो के लिए आवेदन करने वाले स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा, यदि स्वयं सहायता समूह पंचायत भूमि या तालाब पर मछली पालन के ठेके के लिए आवेदन करता है तो उसे नीलामी राशि में 10 प्रतिशत की छूट दी जायेगी.

CM खट्टर ने महिलाओं को दी बड़ी राहत

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बस स्टैंड पर लॉटरी या अन्य किसी विधि से आवंटित दुकानों में से 25 प्रतिशत दुकानें स्वयं सहायता समूहों के लिए आरक्षित रहेंगी. यदि यह दुकान नीलामी के माध्यम से आवंटित की जाती है तो स्वयं सहायता समूह को नीलामी राशि में 10 प्रतिशत की छूट प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि यदि स्वयं सहायता समूह के किसी सदस्य की पारिवारिक आय 1.80 लाख रुपये से अधिक बढ़ जाती है तो उनका राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड एक साल तक नहीं काटा जाएगा.

गांव में बनाया जाएगा कॉल सेंटर

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यालय में एक कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा ताकि स्वयं सहायता समूहों के लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार की जानकारी मिल सके. स्वयं सहायता समूहों को 54 करोड़ 57 लाख का रिवॉल्विंग फंड, लगभग 285 करोड़ का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड तथा लगभग 880 करोड़ का बैंक क्रेडिट लीकेज प्रदान किया गया है. इतना ही नहीं, सरकार ने रिवाल्विंग फंड की राशि को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया है.

स्वयं सहायता समूह के लिए बनाया जाएगा पोर्टल

संवाद के दौरान ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक पोर्टल विकसित करने का आदेश दिया. जिस पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों की जानकारी दर्ज की जाएगी. इन उत्पादों की गुणवत्ता को प्रमाणित किया जाना चाहिए और एक ब्रांड पहचान दी जानी चाहिए ताकि लोग इस पोर्टल के माध्यम से स्वयं सहायता समूह के उत्पाद खरीद सकें. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस युग में स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादों के निर्माण में नवीनता लानी चाहिए और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए.

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