हाईकोर्ट ने हरियाणा में लेटेस्ट PGT भर्ती पर लगाया स्टे, हजारों अभ्यर्थियों ने ली राहत की सांस

चंडीगढ़ | पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) की लेटेस्ट PGT भर्ती पर स्टे लगा दिया है. हाईकोर्ट में आज इस मामले को लेकर सुनवाई हुई थी. पीजीटी अभ्यर्थियों की ओर से नियुक्त वकील ने हाईकोर्ट में बताया कि परीक्षा का पैटर्न चार- पांच बार बदला जा चुका है और यह साल 2019 से चला आ रहा है. अभ्यर्थियों को बार- बार नए पैटर्न से परीक्षा की तैयारी करने पर मजबूर किया जा रहा है.

Punjab and Haryana High Court

HPSC के रवैए से अभ्यर्थी पीड़ित

हाईकोर्ट में वकील ने कहा कि HPSC का रवैया समझ से परे है और समझ नहीं आ रहा है कि वो चाहते क्या हैं लेकिन अभ्यर्थी इस बात से मानसिक रूप से बहुत पीड़ित हो चुके हैं. जज साहब ने जब इन सब बातों को सुना तो वे HPSC और हरियाणा सरकार के इस रवैए से बेहद नाराज़ हो गए और उन्होंने इस मामले पर HPSC के वकील की बात तक नहीं सुनी और भर्ती पर स्टे लगाने का आदेश जारी कर दिया.

हरियाणा सरकार को क्यों नहीं आती समझ: ढुल

एक छोटी सी बात पर क्यों हरियाणा सरकार आंख मीच कर बैठी हुई है. ये बात पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज साहब को भी समझ में आ गई है लेकिन हरियाणा सरकार क्यूं नहीं समझ रही है और अभ्यर्थियों को पीड़ित कर रही है.

कभी PGT भर्ती के लिए HSSC पैटर्न लागू किया जाता है तो कभी HPSC का पैटर्न और कभी 50% की शर्त लगा देते हैं जिसका सभी अभ्यर्थी खुलकर विरोध करते हैं. 50% की शर्त में कितना फायदा और नुकसान हैं, इसे अभ्यर्थी पिछले दिनों हुई ADO की भर्ती में देख चुके हैं.

जानें क्या है पूरा मामला

हरियाणा में PGT के 4,476 पदों पर होने जा रही भर्ती फिर से विवादों में घिर गई है. अभ्यर्थियों की ओर से वकील ने आज हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि 2019 में निकली इस भर्ती में पहले सिलेबस आब्जेक्टिव दिया गया था परन्तु अब हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने इसे सब्जेक्टिव कर दिया है. अभ्यर्थी लगातार इसका विरोध कर रहे है. अभ्यर्थियों का कहना है कि बार- बार पैटर्न बदलने से परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो रही है. बार- बार भर्ती को लेकर नियम बदले जाने से अभ्यर्थी मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहें हैं.

2019 से चल रही है प्रकिया

सबसे पहले 2019 में PGT के पदों को विज्ञापित किया गया लेकिन भर्ती पूरी नहीं हो सकी. फिर 2021 में इन्हीं पदों को दोबारा विज्ञापित किया गया. मामला यहाँ पर नहीं थमा, पहले यह भर्ती HSSC के माध्यम से होनी थी लेकिन बाद में इसे पूरा करने का जिम्मा HPSC को सौंप दिया गया. दिसंबर 2022 में HPSC ने नया क्राइटेरिया बनाया और 50 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य और नेगेटिव मार्किंग को शामिल करते हुए तीसरी बार इन पदों का विज्ञापन जारी किया.

मार्च 2023 में पदों को वापस लिया और 20 मार्च 2023 को नया पैटर्न निर्धारित कर दिया. नए पैटर्न के अनुसार कहा गया था कि अब सब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे और 29 मार्च को दोबारा उसमे संशोधन किया गया. अब अभ्यर्थी तैयारियों में जुटे हुए थे कि नया फरमान जारी किया गया कि पीजीटी पेपर को HCS की तर्ज पर लिया जाए. अभ्यर्थियों ने HPSC की इस प्रणाली का विरोध किया और माननीय हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट ने आज इस भर्ती पर स्टे लगाने का आदेश जारी कर दिया है.

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