कौशल रोजगार निगम के तहत मिली नौकरी के नियम जारी, 30 हज़ार से ज्यादा नहीं होगा वेतन

चंडीगढ़ । प्रदेश में ठेका प्रथा बंद करके सरकार हरियाणा कौशल रोजगार निगम द्वारा युवाओं को नौकरी देगी. और अब हरियाणा को स्वरोजगार निगम की तरफ से दी जाने वाली नौकरियों में 30000 रुपए से ज्यादा का वेतन नहीं मिलेगा. साथ ही सरकारी विभागों में अस्थाई तौर पर काम करने वाले उन्हें युवाओं को निगम की तरफ से नियुक्ति में अनुभव का लाभ होगा जो रजिस्ट्रेशन के दौरान संबंधित विभाग या बोर्ड व निगम की ईपीएफ और ईएसआई की जानकारी देंगे. यदि किसी युवा ने ऐसा नहीं किया तो उसको अनुभव का लाभ नहीं मिलेगा.

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यह जानकारी उस अधिकारी द्वारा सत्यापित की जाएगी जहां युवाओं ने नौकरी की थी. हालांकि अभी सरकार की तरफ से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि प्राइवेट जॉब करने वालों को अनुभव का लाभ मिलेगा अथवा नहीं. ध्यान देने की बात यह है कि निगम के जरिए जॉइनिंग करने वालों के कार्य का विभाग मूल्यांकन भी करेंगे. इसकी रिपोर्टर हरियाणा कौशल रोजगार ने उनको भेजी जाएगी जिसके बाद निगम द्वारा उनका कार्यकाल बढ़ाने या न बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस विषय में एक बैठक भी की गई थी. आपको बता दें कि प्रदेश में आउटसोर्सिंग पॉलिसी 1-2 के तहत लगभग 70 हजार कर्मचारी कार्यरत है. इसके अलावा ऐसे भी कर्मचारी हैं जो प्रतिदिन वेजेस, एडहॉक तथा अन्य विकल्पों के द्वारा कार्य कर रहे हैं.

निगम की तरफ से जारी किए गए है यह निर्देश

सभी विभाग निगम बोर्ड में उपक्रम आदि जरूरत के अनुसार पदों की मांग निगम को भेजेंगे. तथा वेतन की जानकारी भी देंगे कि किस पद के लिए कितना वेतन होगा. इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग को भी सूचना भेजी जाएगी.

कर्मचारियों के कार्य का मूल्यांकन मॉडल बनेगा. नियुक्त होने के बाद विभाग काम का मूल्यांकन करेगा. खराब प्रदर्शन करने वालों की सूचना निगम के पास भेजी जाएगी इसके बाद निगम द्वारा फैसला लिया जाएगा कि उन्हें कार्य पर रखना है अथवा नहीं.

सरकारी विभागों बोर्ड निगमों में काम करने वालों को नियुक्ति में अनुभव का फायदा होगा लेकिन उन्हें अनुभव के सबूत के लिए ई पी एफ ओ एस आई की जानकारी देनी होगी. युवाओं को यह जानकारी रजिस्ट्रेशन के समय ही अपलोड करनी होगी इसके बाद विभाग द्वारा इसकी सत्यापित जांच होगी. संबंधित विभाग के अधिकारी को 7 दिन में अपना जवाब देना होगा यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ भी अनुशासन के तहत कार्यवाही की जाएगी.

सभी प्रशासनिक सचिव व विभाग प्रमुखों से कहा गया है कि उन्हें विभागों में आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वालों की सारी जानकारी कि 31 मार्च तक निगम के पोर्टल पर डालनी होगी ताकि पूरी जानकारी मिल सके कि किस की क्या स्थिति है.

पुरानी एजेंसियों में काम करने वालों को भुगतना होगा खामियाजा

जो युवा पहले से काम कर रहे हैं उन्हें वेतन में नुकसान हो सकता है. निगम द्वारा अधिकतम 30,000 रुपए तक नियुक्ति की जाएगी. सरकार की तरफ से एक निगम द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारियों का 10 साल का कार्य अनुभव मिलाकर उनका वेतन 26000 रुपये ही निर्धारित किया गया है. सरकार ने कर्मचारियों को शहरों के अनुसार तीन स्तरों में बांटा है. ऐसे में जो युवा पुराने एजेंसी में काम कर रहे हैं उन्हें थोड़ा नुकसान हो सकता है. आउटसोर्सिंग एजेंसीओं का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो जाएगा उन्हें दोबारा से अनुबंध नहीं दिया जाएगा.

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