कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर बढ़ने का कारण है हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल पहुंचना, कोरोना के इलाज के लिए रेट निर्धारित

हिसार। जिला उपायुक्त प्रियंका सोनी के अनुसार कोरोना संक्रमित पीड़ितों की स्थिति बिगड़ने के पश्चात देरी से हॉस्पिटल पहुंचना मृत्यु दर बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है. कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु होने के मामलों में डेथ ऑडिट में यह बात सामने आई है कि पहले से ही मधुमेह, रक्तचाप, हृदय के रोग जैसी अन्य बीमारियों से ग्रस्त होम क्वॉरेंटाइन कोरोना संक्रमित मरीजों को समय पर डॉक्टरों का इलाज नहीं मिल पाता. ऐसे केसों में परिवार वालों के द्वारा बहुत बड़ी लापरवाही बरती जा रही है.

Corona Lab
कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर बढ़ने का कारण है हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल पहुंचना, कोरोना के इलाज के लिए रेट निर्धारित

कोरोना संक्रमण में लापरवाही पड़ सकती है जान पर भारी
बुधवार को उपायुक्त डॉ प्रियंका सोनी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के सभी परिवार वालों, संपर्क में आए सभी लोगों और कंटेनमेंट जोन में रहने वाले तथा आने जाने वाले सभी आसी-पड़ोसी लोगों की कोरोना जांच जल्द से जल्द हर हालत में करवाई जाए. उन्होंने विशेष रुप से रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह जैसी अनेक बीमारियों से पीड़ित कोरोना संक्रमित मरीजों के परिवार वालों को कहा है कि वह बिना देरी किए विशेषज्ञ डॉक्टरों से संपर्क करें क्योंकि ऐसे केसों में इलाज में देरी जानलेवा सिद्ध होती है.

निजी हॉस्पिटलों में दरें की गई निर्धारित
उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से हिसार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है उस हिसाब से पहले ही सतर्क होना होगा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे सरकार के आदेश के अनुसार उपचार की उचित व्यवस्था करें. हिसार के महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज और नागरिक अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज निशुल्क है. इसके साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार की दरें पहले से ही निर्धारित कर दी गई हैं. अब प्राइवेट हॉस्पिटलों को दो वर्गों में रखा गया है. इसके पहले वर्ग में वे हॉस्पिटल आते हैं जो नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स यानी नभ के अंतर्गत आते हैं और दूसरे हॉस्पिटल में हैं जो नभ के तहत नहीं आते.

नभ के दायरे में आने वाले प्राइवेट हॉस्पिटल
इन हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन वाले बेड के लिए 10,000 रू० प्रतिदिन, आईसीयू में वेंटिलेटर के साथ भर्ती होने पर 18,000 रू० प्रतिदिन और आईसीयू में बिना वेंटीलेटर के भर्ती होने पर 15,000 रू० प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है.

नभ के दायरे में ना आने वाले हॉस्पिटल
इन हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन वाले बेड के लिए  8000 रू० प्रतिदिन, आईसीयू में वेंटिलेटर के साथ भर्ती होने पर  15000 रू० प्रतिदिन और आईसीयू में बिना वेंटीलेटर के भर्ती होने पर  13000 रू० प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है.

मरीजों के लिए शिकायत करने हेतु जारी किया गया मोबाइल नंबर
उपायुक्त प्रियंका सोनी ने कहा है कि हिसार में कोरोना मरीज़ों की संख्या को देखते हुए हॉस्पिटलों में उनके लिए 25 फ़ीसदी बेड आरक्षित रखने के भी आदेश दिए गए हैं. उन्होंने सभी हॉस्पिटल संचालकों को निर्देश दिए हैं कि बिना किसी विलंब के कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार आरंभ किया जाए. यदि कोई भी हॉस्पिटल इस संबंध में किसी प्रकार की लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी. डॉ प्रियंका सोनी ने सभी हिसार वासियों के लिए एक मोबाइल नंबर जारी किया है और कहा है अगर किसी भी मरीज को हॉस्पिटल में बेड ना मिले या कोई और शिकायत हो तो वह इस मोबाइल नंबर पर अपनी समस्या बता कर शिकायत दर्ज करवा सकता है. मोबाइल नंबर है 94164-95690

यह है हिसार के डिस्ट्रिक्ट कोविड हेल्थ सेंटर
उन्होंने बताया कि हिसार में 16 डिस्टिक कोविड हेल्थ सेंटर हैं, जिनमें गीतांजलि, मेडिसिटी, आधार हॉस्पिटल, एस एल मिंडा, सेवक सभा, होली हेल्प, शांति देवी, महात्मा गांधी, जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, श्री काली देवी, छपरा, रविंद्रा, सुखदा, सर्वोदया, नागरिक अस्पताल तथा सैन्य अस्पताल शामिल है. इसके साथ ही सीएमसी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अग्रोहा को भी डिस्ट्रिक्ट कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है.

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