10 लाख छात्रों का भविष्य खतरे में, 3200 अस्थाई स्कूल बंद होने की कगार पर

चंडीगढ़ । हरियाणा के 3200 अस्थाई स्कूल में पढ़ रहे लगभग 10 लाख विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है. इन विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक साल का एक्सटेंशन लेटर जारी नहीं किया जा रहा है. प्राइवेट स्कूल संघ ने सरकार को पत्र लिखकर 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. यदि प्राइवेट स्कूल की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 13 दिसंबर को रोहतक में प्राइवेट स्कूल प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाकर आंदोलन का ऐलान कर देंगे.

School Students

स्कूलों की पोर्टल आईडी बंद, नहीं भरे गए 10वीं-12वीं के बोर्ड परीक्षा फॉर्म

संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, संरक्षक तेलूराम रामायण वाला, महासचिव पवन राणा व अशोक, प्रांतीय उपप्रधान घनश्याम शर्मा, संजय धत्तरवाल, रणधीर पूनिया और बलराज मुवाल ने कहा है कि पिछले 8 महीनों से स्कूल संचालक स्कूल बंद होने के कारण परेशानी उठा रहे हैं. इन स्कूलों को आर्थिक संकट के साथ ही अपना भविष्य भी अंधकार में दिखाई देने लगा है.

1 साल का एक्सटेंशन लेटर जारी न होने के कारण इन स्कूलों में पढ़ रहे 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है. इनमें केवल 10वीं-12वीं के दो लाख से ज्यादा विद्यार्थी हैं, जिनके बोर्ड एग्जाम के फॉर्म नहीं भरे गए. 1 साल का एक्सटेंशन ना मिल पाने की वजह से स्कूलों को हरियाणा बोर्ड से संबद्धता नहीं मिली.

इसलिए इन स्कूलों की पोर्टल आईडी बंद है, जबकि 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम के फॉर्म भरने की लास्ट डेट 15 दिसंबर है. स्कूलों की मांग है कि सरकार शीघ्र अति शीघ्र स्कूलों को एक्सटेंशन लेटर जारी करें.

टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए न्यूनतम मानदेय की मांग

कुंडू ने कहा है कि नौवीं से 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा फॉर्म एवं एनरोलमेंट भरे जाने हैं. अतः इन कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जाएं. यदि सरकार स्कूल खोलना उचित नहीं समझती और स्कूल बंद ही रखना चाहती है तो प्राइवेट क्षेत्र में शिक्षा से संबंधित सभी टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ को सरकार द्वारा न्यूनतम मानदेय दिया जाए.

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