प्राइवेट स्कूलों में 9वीं-12वीं के साथ-साथ लग रही प्राइमरी और मिडिल की भी कक्षाएं, प्रसाशन गहरी नींद में

हिसार । निजी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों की अवहेलना कर ग्रामीण क्षेत्रों में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं की आड़ लेकर विद्यालयों में चौथी से आठवीं तक की भी कक्षाओं को लगा रहे हैं. चिंता की बात तो यह है कि चौथी से आठवीं कक्षा में आने वाले विद्यार्थियों से स्वास्थ्य जांच प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज भी नहीं लिए जा रहे हैं.

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9वीं से 12वीं कक्षाओं को लगाने के दिए गए थे आदेश

इन छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों को स्कूल लाने ले जाने के लिए स्कूल प्रशासन की ओर से बकायदा स्कूल वैन भी मुहैया करवाई जा रही है. 14 दिसंबर से 10वीं और 12वीं की कक्षाओं को लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने विद्यालय को आदेश दिए थे. इसके पश्चात 9वी और 11वीं की भी कक्षाओं को 21 दिसंबर से प्रारंभ कर दिया गया था. परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ प्राइवेट स्कूलों ने इसकी आड़ लेकर अन्य छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों को भी स्कूल में बुलाना शुरू कर दिया, जो कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना है.

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प्राइवेट स्कूल संचालक अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं शैक्षणिक कार्य

जिन प्राइवेट स्कूलों में चौथी से आठवीं तक की क्लासें लगाई जा रही हैं उन विद्यालयों में विद्यार्थी बिना स्वास्थ्य जांच के ही विद्यालय में आ रहे हैं. 9वीं से 12वीं तक की क्लासों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 3 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. परंतु प्राइवेट विद्यालय के संचालक स्वयं के अनुसार ही विद्यालय में शैक्षणिक कार्यक्रम चला रहे हैं. शिक्षा विभाग के अनुसार स्कूल लगने का समय 10:00 का है. लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालक 10:00 बजे से पहले ही क्लासों को लगा रहे हैं. इसी प्रकार शिक्षा विभाग के अनुसार स्कूल की छुट्टी का समय दोपहर 1:00 बजे का है. परंतु प्राइवेट स्कूल संचालक 3:00 बजे स्कूल की छुट्टी करते हैं.

नवंबर में सीएम फ्लाइंग टीम ने मारा छापा

लॉकडाउन के बाद नवंबर के महीने में जब विद्यालय खोले गए थे तब एक प्राइवेट स्कूल छोटी क्लासों को भी लगा रहा था. उसके बाद सीएम फ्लाइंग टीम ने इस स्कूल पर छापा मारा और स्कूल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई भी की गई थी. उसके बावजूद दूसरे प्राइवेट स्कूल संचालक पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.

शहरों में नहीं गांव में निजी स्कूल संचालक कर रहे हैं अवहेलना

अगर शहर की बात करें तो शहर में किसी भी गवर्नमेंट या प्राइवेट स्कूल में चौथी से आठवीं तक की क्लास नहीं लगाई जा रही है, परंतु गांव की बात करें तो तोशाम और अन्य गांव के कुछ निजी स्कूल नियमों की अवहेलना कर सर्दी में भी चौथी से आठवीं तक की क्लासों को लगा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में 200 से भी अधिक निजी स्कूल हैं. इनमें से ज्यादातर स्कूल नियमों की अवज्ञा कर रहे हैं. डीआईओ अजीत सिंह के अनुसार उन्हें इस प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली है. वह इस मामले की जांच करेंगे. यदि कोई स्कूल दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी.

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