Hindu New Year 2021: 90 वर्ष बाद एक हिन्दू नव वर्ष घटा, कैसा रहेगा ये साल जाने

हिंदु धर्म के अनुयायी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवसंवत्सर यानि नव वर्ष से मनाते हैं. माना जाता है कि इसी दिन सृष्टि का आरंभ हुआ था. 13 अप्रैल 2021 को विक्रम संवत 2078 (Hindu New Year 2021) को हिंदू नववर्ष मनाया जाएगा. तकरीबन 90 वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है,जब संवत 2078 राक्षस नाम से जाना जाएगा. वहीं संवत्सर 2077 जो वर्तमान में चल रहा है,वह प्रमादी नाम का है.

HINDU NEW YEAR 2021

ऐसे में लोगों के मन में यह प्रश्न उठ रहा है कि इसके बाद का संवत्सर तो 2078 के रूप में आ रहा है, वह आनन्द के नाम से न होकर राक्षस क्यों कहला रहा है. इस संबंध में ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश परासर का कहना है कि हिन्दू ग्रंथों में 60 संवत्सरों का उल्लेख किया गया है, जो क्रमवार चलते हैं.

ऐसे में प्रमादी के बाद वाला सम्वत आनन्द नाम से जाना जाता है, लेकिन इसके बावजूद संवत 2078 राक्षस नाम से जाना जाएगा.

क्रमवार तरीके से ऐसे समझे हिन्दू संवत्सरों को

1. प्रभव 2. विभव 3. शुक्ल 4. प्रमोद 5. प्रजापति 6. अंगिरा 7. श्रीमुख 8. भाव
9. युवा 10. धाता 11. ईश्वर 12. बहुधानय 13. प्रमाथी 14. विक्रम 15. विषु 16. चत्रिभानू 17. स्वभानु 18. तारण 19. पार्थिव 20. व्यय 21. सर्वजति 22. सर्वधारी 23. विरोधी 24. विकृति 25. खर 26. नन्दन 27. विजय 28. जय 29. मन्मथ 30. दुरमुख 31. हेमलमब 32. विलम्ब 33. विकारी 34. सर्वरी 35. प्लव 36. शुभकृत 37. शोभन 38. क्रोधी 39. विश्वासु 40. पराभव 41. प्लवग 42. कीलक 43. सौम्य 44. साधारण 45. विरोधकृत 46. परिधावी 47. प्रमादी 48. आनन्द 49. राक्षस 50. नल 51. पिंगल 52. काल 53. सिद्धार्थ 54. रौद्रि 55. दुरमति 56. दुंदुभी 57. रुधिरोदारी 58. रक्ताक्ष 59. क्रोधन 60. अक्षय

बदलाव के कारण

दरअसल निर्णय सिंधु के संवत्सर प्रकरण में यह उल्लेख किया गया है कि संवत्सर क्रमानुसार चलते हैं. ऐसे में 89 वर्ष का प्रमादी संवत्सर अपना पूरा वर्ष व्यतीत नहीं कर रहा. जिस कारण 90 वर्ष में पड़ने वाला संवत्सर विलुप्त नाम का संवत्सर आनन्द नाम का उच्चारण नहीं किया जाएगा. इस निर्णय के अनुसार वर्तमान संवत 2077 प्रमादी नाम का संवत्सर फाल्गुन मास तक रहेगा. जो 28 फरवरी 2021 से लेकर 28 मार्च 2021 तक रहेगा. इसके बाद पड़ने वाला आनन्द नाम का विलुप्त संवत्सर पूर्ण वत्सरी अमावस्या तक रहेगा. जबकि आगामी संवत्सर संवत 2078 जो राक्षस नाम का होगा.

राक्षस संवत्सर में ग्रहों का प्रभाव

शनिदेव मकर राशि में स्वग्रही होकर भोग करेंगे. धनु राशि व कुंभ राशि पर उनकी दृष्टि बनी रहेगी. इन राशियों के जातकों को शनि देव का जाप करना लाभकारी रहेगा. कर्क राशि पर शनि की कृपा बनी रहेगी. वृषभ राशि के जातक राहु का जाप करें.

राक्षस संवत्सर का देश दुनिया पर असर

पंडित राजेश परासर के अनुसार इस संवत्सर के दौरान रोग बढ़ेंगे. यदाकदा दुरभक्षि ,अकाल तथा संक्रामक रोगों से सम्पूर्ण देश प्रभावित रहेगा. गुरु के पास वित विभाग रहेगा, जिसके चलते धन की कमी नहीं होने दी जाएगी. वहीं बुध देव कृषि मंत्री है जिससे अनाज की कमी नहीं आएगी. चन्द्रमा पर देश रक्षा का भार रहेगा. इस संवत्सर के राजा व मंत्री दोनों ही मंगल यानि भौमदेव होंगे.

दिखेगा मंगल का प्रभाव

दोनों पदों पर मंगल के ही होने के चलते माना जा रहा है कि यह स्थिति भारत के पराक्रम व वैभव में वृद्धि करेगी. चूंकि इस वर्ष के राजा मंगल होंगे तो ये हमारी तीनों सेनाओं का मनोबल ऊंचा रखेंगे. कूटनीति व विदेश नीति इस साल नए अंदाज में होगी,जिसे आगे चलकर दुनिया भर में सराहा जाएगा.

इस वर्ष जन -आंदोलनों की आएगी बाढ़

वहीं इस साल जगह-जगह जन -आंदोलनों की बाढ़ सी आ सकती है. लेकिन इसके बावजूद सरकार अपने पराक्रम के साथ कई कार्यों पर जीत हासिल करेगी. संवत्सर आधा बीतने के बाद ये आन्दोलन कमजोर हो जाएंगे. वहीं नवंबर से फरवरी, मार्च 2022 में युद्ध की स्थिति बनती ज्यादा दिख रही है. लेकिन इसके बाद भी अगर यही स्थिति रही तो दुनिया को भारत का पराक्रम देखने को मिलेगा, जिसके चलते भारत एक नए रुप में दुनिया को दिखेगा. इसका कारण भी मंगल ही होगा.

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