शतभिक्षा नक्षत्र में प्रवेश से बना शनि और राहु का भयंकर संयोग, अगले 11 दिन सावधान रहें इन 3 राशियों के जातक

ज्योतिष | ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्म फल तथा और न्यायफल दाता के नाम से जाना जाता है. शनि देव जातकों को उनके कर्मों के हिसाब से शुभ या अशुभ फल देने के लिए जाने जाते हैं. कुछ राशि के जातकों को लगता है कि शनि देव केवल अशुभ प्रभाव ही देते हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. शनि के राशि परिवर्तन या फिर नक्षत्र परिवर्तन का प्रभाव भी लगभग सभी राशि के जातकों पर दिखाई देता है. मौजूदा समय में शनि अपनी ही राशि कुंभ में विराजमान है.

SHANI DEV

15 मार्च को शनि शतभिक्षा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं और 17 अक्टूबर तक इस नक्षत्र में रहने वाले हैं. इस नक्षत्र के स्वामी राहु है. शनि और राहु के इस संयोग की वजह से कुछ राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ने वाली है. आज की इस खबर में हम आपको उन्ही राशियों के बारे में जानकारी देने वाले है.

इन राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ाएंगे शनि

कर्क राशि: इस राशि के जातकों पर शनि की ढैया चल रही है जिस वजह से शनि का शतभिक्षा नक्षत्र में प्रवेश करना इस राशि के जातकों के लिए अच्छा नहीं रहने वाला. 17 अक्टूबर तक इस राशि के जातकों को थोड़ा संभल कर चलने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य को लेकर भी आपकी परेशानियां अब बढ़ाने वाली है, बेवजह खर्च आपको परेशान कर सकते हैं.

वृश्चिक राशि: इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, आपको अपने माता- पिता के स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. यदि आप भी कहीं पैसा इन्वेस्ट करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो अभी आपके लिए समय अच्छा नहीं है. 17 अक्टूबर तक आपको थोड़ा संभल कर रहने की आवश्यकता है. वाहन चलाते समय भी आपको विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

कुंभ राशि: इस राशि के जातकों पर अभी भी शनि की साढ़ेसाती चल रही है, ऐसे में राहु के नक्षत्र में प्रवेश करने से इस राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ती हुई नजर आएंगी. इस राशि की जातको को थोड़ा संभल कर रहने की आवश्यकता है, इस समय आपको कोई भी बड़ा फैसला नहीं लेना है. नहीं तो भविष्य में आपको उसके परिणाम भुगतने पड सकते हैं. कुल मिलाकर 17 अक्टूबर तक समय आपके अनुकूल नहीं रहने वाला है.

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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