RBI ने रेपो रेट पर दी बड़ी राहत: नही बढ़ेगा लोन का बोझ, त्योहार से पहले मिला तोहफा

नई दिल्ली | त्योहारी सीजन में आरबीआई ने लोगों के लिए बड़ी राहत प्रदान की है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया कि इस बार भी बैठक में फैसला लिया गया है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इसका मतलब है कि रेपो रेट 6.5 फीसदी पर रहेगा. दरअसल, आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक 4 अक्टूबर से शुरू हो गई थी. इस बैठक के फैसले की जानकारी आज आरबीआई गवर्नर ने दी है.

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इस बैठक में देश की आर्थिक स्थिति और महंगाई को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए जाते हैं. देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई हर दो महीने में मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक आयोजित करता है. यह बैठक तीन दिनों तक चलती है. आपको बता दें कि कई विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई थी कि महंगाई और अन्य वैश्विक कारकों के चलते रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया जा सकता है.

यहां समझें क्या है रेपो रेट

रेपो रेट को आसान भाषा में समझें तो यह केंद्रीय बैंक द्वारा देश के बाकी बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर है. बैंक इसी दर पर ग्राहकों को लोन की सुविधा भी मुहैया कराते हैं. अगर केंद्रीय बैंक रेपो रेट घटाने का फैसला करता है तो इसका मतलब है कि अब बैंक ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर होम लोन, वाहन और अन्य लोन देता है.

क्या होती है एमपीसी?

आरबीआई अधिनियम 1934 के तहत, आरबीआई विकास और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीति संचालित करने के लिए जिम्मेदार है. एमपीसी देश के विकास और महंगाई पर काबू पाने में मदद करती है. एमपीसी की बैठक में 6 सदस्य हैं. इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर करते हैं.

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