वैशाख के पवित्र महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व, इस महीने जरूर करें ये काम

ज्योतिष | वैशाख का महीना 5 मई तक रहने वाला है. इस महीने में तेज गर्मी पड़ती है. बता दें कि इस दौरान सूर्य की रोशनी धरती पर ज्यादा देर तक रहती है. साथ ही, सूर्य उदय भी जल्दी हो जाता है और सूर्यास्त काफी देरी से होता है. इसी वजह से इन दिनों में दिन बड़े और रातें छोटी होती है. इसी वजह से स्कन्द पुराण में भी जानकारी दी गई है कि वैशाख महीने में जल का दान करना चाहिए. पशु- पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए और शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए. मौसम के अनुसार, ऐसा करने से व्यक्ति को अनेक पुण्य मिलते हैं.

shiv mandir

इस महीने शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा

पुरी के ज्योतिषाचार्य और धर्म ग्रंथों के जानकार डॉ गणेश मिश्र का कहना है कि भगवान शिव ने जन कल्याण के लिए समुद्र मंथन से निकला जहर पिया था. उस जहर की गर्मी से उनका शरीर नीला हो गया, उस गर्मी को कम करने के लिए ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा है.

इन दिनों में काफी ज्यादा गर्मी पड़ती है इसलिए इस महीने में खासतौर से शिवालयों में जल दान करने का भी विशेष महत्व है. इसी वजह से शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के ऊपर जलधारा के लिए पानी से भरा मटकी मे छेद कर कुशा लगाई जाती है, जिसे लगातार शिवलिंग पर पानी गिरता रहता है.

इस प्रकार करें भगवान को प्रसन्न

स्कन्द और शिव पुराण के अनुसार, वैशाख महीने में सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विधान बताया गया है. इसके लिए तांबे के लोटे में साफ पानी या तीर्थ का जल भरे. इसमें गंगाजल की कुछ बूंदे और सफेद फूल डाले. शिवालय जाकर यह जल्द शिवलिंग पर चढ़ाएं. पुराणों में बताया गया है कि श्रावण से पहले वैशाख महीने में भी शिव की विशेष आराधना करनी चाहिए. वैशाख महीने के दौरान तीर्थ स्नान और दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस महीने में पशु पक्षियों को भी जल पिलाने की व्यवस्था करनी चाहिए.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!