हरियाणा परिवहन विभाग का बड़ा फैसला, अब इन कामो के नकद लेनदेन पर लगा पूरी तरह प्रतिबंध

करनाल | हरियाणा परिवहन विभाग ने भ्रष्टाचार और दलालों के हस्तक्षेप को पूरी तरह से समाप्त करने का नया तरीका खोज निकाला है. अब विभाग में किसी भी सेवा शुल्क या चालान की जुर्माना राशि पर केवल ऑनलाइन भुगतान ही स्वीकार किया जाएगा. इसके तहत, नकद धनराशि के लेनदेन को पूर्णतः प्रतिबंध कर दिया गया है.

UPI

विभाग के इस फैसले से जहां डिजिटलाइजेशन बढ़ेगा तो वहीं ट्रांसपोर्टर और आवेदकों को 24 घंटे भुगतान की सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं, एक ही UPI से बार- बार ट्रांजेक्शन होने पर विभाग की नजरें भी दलालों पर रहेगी और उन्हें पकड़ने में आसानी होगी.

UPI से भुगतान में आएगी तेजी

विभाग में अब चाहे वाहन रजिस्ट्रेशन हो या फिर ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर वाहन पासिंग फीस और चालान की लाखों रुपए की राशि का भुगतान करना हो, इसके लिए विभाग के कार्यालय की सुविधा खिड़की के बाहर लगे बार कोड को स्कैन करना होगा. इससे तुरंत भुगतान होते ही फाइल भी पास हो जाएगी.

परिवहन विभाग द्वारा सूबे के सभी RTA कार्यालयों में इस तरह की व्यवस्था को लागू किया जा रहा है. बता दें कि पिछले दिनों कई जिलों के आरटीए कार्यालय से भ्रष्टाचार और दलालों के हस्तक्षेप के अनेकों मामले सामने आए थे. जिसके बाद, विभाग द्वारा नकद लेनदेन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है.

सब्जी- फल व दुग्ध उत्पाद खराब होने का डर खत्म

कई बार सामने आया है कि ओवरलोड के मामलों में जांच टीम सब्जी- फल या दुग्ध उत्पाद ले जा रहे वाहनों को भी पकड़कर इंपाउंड कर देती है और जब तक चालान राशि का भुगतान नहीं होता तब तक इन वाहनों को छोड़ा नहीं जाता है. ऐसे में वाहनों को लंबे समय तक जब्त रखने पर उसमें लोड फल- सब्जी व दुग्ध उत्पाद खराब होने का अंदेशा बना रहता है.

कई बार ट्रांसपोर्टर दूसरे प्रदेश का होता है या चालक के पास जुर्माना भरने के लिए पर्याप्त राशि नहीं होती. इसके अलावा वाहन चालक को जुर्माना भरने के लिए कैश विंडो के खुलने का भी इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब UPI से भुगतान की नई व्यवस्था के लागू होने के बाद इस झंझट से छुटकारा मिलेगा. ऑनलाइन चालान को वाहन मालिक बार कोड स्कैन करके तुरंत भर सकेगा और इंपाउंड हुई गाड़ी भी छूट जाएगी.

चोरी की घटनाओं से मिलेगा छुटकारा

बता दें कि गत 2 मार्च को लघु सचिवालय के ई- दिशा केंद्र के लॉकर से 25 लाख रूपए की चोरी हो गई थी और आज तक इस मामले में पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. इस वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर तक भी अपने साथ ले गए थे ताकि पुलिस के हत्थे न चढ़े. ऐसे में अब डिजिटल भुगतान से कैश चोरी होने का खतरा भी टल जाएगा.

करनाल में इस विंडो में होता है यह कार्य

  • विंडो- 1 पर हेल्प डेस्क
  • विंडो- 2 पर पासिंग व फिटनेस संबंधित कार्य
  • विंडो- 3 पर चालान संबंधित कार्य
  • विंडो- 4 पर वाहन पंजीकरण संबंधित कार्य
  • विंडो- 5 पर परमिट संबंधित कार्य
  • विंडो- 6 पर चालक लाइसेंस संबंधित कार्य
  • विंडो- 7 पर कैश व फीस संबंधित कार्य
  • विंडो- 8 पर ऑटो व स्कूल बस संबंधित कार्य

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