कुरूक्षेत्र: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में असम राज्य की दिखेगी झलक, ये रहेगा खास

कुरूक्षेत्र | अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में पर्यटकों को असम राज्य की सांस्कृतिक विरासत “असम सांस्कृतिक ग्राम” में देखने को मिलेगी. इस सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए असम सरकार द्वारा ब्रह्मसरोवर पुरूषोत्तमपुरा बाग में असम मंडप का निर्माण कर असम सांस्कृतिक ग्राम का स्वरूप देने का प्रयास किया जाएगा.

Gita Mahotsav

असम को भागीदार राज्य के रूप में मिला निमंत्रण

इस वर्ष राज्य सरकार ने असम को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में भागीदार राज्य के रूप में आमंत्रित किया है. असम सरकार की ओर से 4 अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को ब्रह्मसरोवर पुरूषोत्तमपुरा बाग में असम मंडप के निर्माण का निरीक्षण किया.

पर्यटक असम की सांस्कृतिक विरासत से होंगे रूबरू

बता दें कि 7 दिसंबर से 24 दिसंबर तक ब्रह्मसरोवर पुरूषोत्तमपुरा बाग में असम पवेलियन की स्थापना की जायेगी. इस मंडप में असम राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सजाया जाएगा और दूर- दराज से आने वाले पर्यटक और यात्री असम राज्य की संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे.

असम की टीम पहुंची कुरूक्षेत्र

तैयारियों के मकसद से असम सरकार के सांस्कृतिक विभाग के अधिकारियों की एक टीम कुरुक्षेत्र पहुंच गई है. केडीबी के मानद सचिव, उपेन्द्र सिंघल ने कहा कि असम सरकार द्वारा पुरूषोत्तमपुरा बाग में असम मंडप के अंदर असम सांस्कृतिक गांव बनाने का प्रयास किया जाएगा.

इस गांव में असम सरकार की उपलब्धियों, शिल्प, भोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम और भयानक क्षेत्र की स्मृति चिन्हों पर प्रदर्शनी मुख्य आकर्षण होंगे. असम भागीदार राज्य होने के कारण असम का मंडप मुख्य आकर्षण होगा.

डीसी ने कही ये बात

कुरूक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि मुख्य कार्यक्रम 17 से 24 दिसंबर तक चलेंगे और महोत्सव का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे. इस वर्ष असम भागीदार राज्य के रूप में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है.

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