हरियाणा के अशोक वर्मा ने पेश की मानवता की मिसाल, 157 बार कर चुके रक्तदान

कुरुक्षेत्र | हमारे देश में कुछ लोग ऐसे हैं जिनके अंदर रक्तदान करना एक जुनून है, उन्होंने अपना सारा का सारा जीवन रक्तदान के लिए समर्पित कर दिया. 14 जून विश्व रक्तदाता दिवस पर जब ऐसे लोगों की चर्चा की जाती है तो एक ऐसी शख्सियत सामने आती है जो पुलिस महकमे की जिम्मेदारी निभाकर मानवता का धर्म निभा रही है.

Kurukshetra Dr Ashok Kumar

ये हैं हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर डॉ. अशोक कुमार वर्मा. सराहनीय पुलिस सेवाओं के लिए राष्ट्रीय स्वर्ण पदक शतकवीर विजेता एवं पर्यावरण प्रहरी डॉ. अशोक कुमार वर्मा को वर्ष 2020 से ही हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी नियुक्त किया गया है तथा वे प्रदेश के सभी जिलों में नशामुक्ति अभियान में साइकिल चलाते आसानी से मिल जाएंगे.

पत्नी व बेटियां भी करती हैं रक्तदान

उन्होंने अपने राजनीतिक कार्यों के साथ- साथ रक्तदान को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है. 1989 से लगातार रक्तदान कर रहे वर्मा 157 बार रक्तदान कर चुके हैं, जिसमें 73 बार प्लेटलेट्स भी दे चुके हैं. उनके साथ, उनकी पत्नी सुषमा वर्मा, पुत्र अक्षय वर्मा, पुत्रियां न्यायमूर्ति प्रियंका वर्मा व दिव्या वर्मा भी रक्तदान करती हैं.

इन राज्यों में जाकर कर चुके हैं रक्तदान

इतना ही नहीं, उनके सभी भाई सतपाल, यशवंत, विनोद कुमार भी रक्तदान करते हैं. उन्होंने करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत, नोएडा, सिरसा, दिल्ली, चंडीगढ़, अंबाला और पंजाब समेत हरियाणा के कई जिलों में जाकर रक्तदान भी किया है. पुलिस महकमे में सबसे ज्यादा बार रक्तदान करने के मामले में डॉक्टर अशोक कुमार वर्मा का नाम सामने आता है. उन्होंने 1989 में पहली बार करनाल में रक्तदान किया था. लोग डॉ. अशोक कुमार वर्मा को घर से बुलाकर रक्तदान के लिए ले जाते थे. उस समय वे और उनके भाई विनोद कुमार वर्मा रक्तदान करते थे.

बिना बैनर के 454 बार रक्तदान शिविर का आयोजन

डॉ. अशोक कुमार वर्मा न केवल स्वयं रक्तदान करते हैं बल्कि रक्तदान शिविर भी लगाते हैं. बिना किसी बैनर के उन्होंने 454 स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किए हैं. उन्होंने अपने सैनिक वीर पिता काली राम खिप्पल की पुण्यतिथि पर 26 नवंबर 2010 को प्रथम स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया, जिसने 454 स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आंकड़ा पूरा कर लिया. वे रक्तदान शिविर, सम्मान समारोह और भोजन की सारी व्यवस्था अपनी जेब से करते हैं.

454 रक्तदान शिविरों जुटाया 17,140 यूनिट रक्त

उन्होंने अब तक 454 रक्तदान शिविरों में सरकारी ब्लड बैंकों में 17,140 यूनिट रक्त जुटाकर 51,420 लोगों को नया जीवन दिया है. वर्ष 2018 में 1934, वर्ष 2019 में 2096, वर्ष 2020 में 1336, वर्ष 2021 में 2079 तथा वर्ष 2022 में 1203 रक्त यूनिट प्रदान करने वाले डॉ वर्मा उत्तर भारत के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं.

ब्लड बैंक में सभी श्रेणी का ब्लड उपलब्ध : डॉ. विनोद

ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. विनोद तंवर ने बताया कि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में ब्लड है. बैंक में करीब 126 यूनिट ब्लड है. उसके पास सभी श्रेणियों का रक्त है. रक्तदान करने में कोई कमजोरी नहीं होती है. रक्तदान करना सेहत के लिए अच्छा होता है.

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