सरसों की फसल किसानों को कर रही हैं मालामाल, इस साल भी MSP से ज्यादा मिल रहा है भाव

  कुरुक्षेत्र । हरियाणा की मंडियों में सरसों की नई फसल की आवक शुरू हो गई है. पिछले साल की तरह इस बार भी सरसों किसानों को मालामाल कर रही है. इस बार भी किसानों को सरसों की फसल का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक मिल रहा है. अनाज मंडियों में पिछले साल शुरुआत में जहां किसानों को सरसों का भाव 4000 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल मिला था, वहीं इस बार शुरुआत से ही भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है. पिछले साल भाव अच्छा मिलने के चलते इस साल सरसों के रकबे में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है.

anaj mandi

5050 रुपए हैं न्यूनतम समर्थन मूल्य

सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ उन्हें परम्परागत खेती का मोह त्याग कर बागवानी और कम लागत वाली फसलों की बिजाई के लिए प्रोत्साहित कर रही है. किसानों को प्रदेश सरकार की ओर से इस तरह की खेती करने पर कई तरह की सुविधाएं तो दी ही जा रही है, साथ ही हर साल इनके न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी अच्छी-खासी बढ़ोतरी की जा रही है. पिछले साल सरसों का एमएसपी जहा 4650 रुपए प्रति क्विंटल था वहीं इस बार इसे बढ़ाकर 5050 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

छह हजार से 6200 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही सरसों

थानेसर की नई अनाज मंडी के आढ़ती दयाल चंद ने बताया कि काली सरसों का भाव 6 हजार से 6200 रुपये तक चल रहे हैं, जबकि पीली सरसों सात हजार से 7200 रुपये तक बिक रही है. पिछले साल के मुकाबले इस बार सीजन की शुरुआत में ही किसानों को एक हजार से 1200 रुपये प्रति क्विंटल तक अधिक भाव मिल रहा है, जिससे किसानों के चेहरों पर खुशी देखी जा रही है.

10 हजार हेक्टेयर के पार पहुंचा सरसों का रकबा

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प्रदीप मील ने बताया कि गत वर्ष जिला भर में तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही सरसों की बिजाई की गई थी लेकिन इस बार सरसों का रकबा बढ़कर 10 हजार हेक्टेयर के पार पहुंच गया है. एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिलने पर किसानों का रुझान सरसों की ओर बढ़ा है.

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