किसान आंदोलन में हुई दर्दनाक मौत, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली । पंजाब के बरनाला के ट्रैक्टर मिस्त्री जनकराज 27 नवंबर को घर से निकले थे. तब उनके परिवार को यह अंदाजा नहीं था, की वे उन्हें कभी दोबारा नहीं देख पाएंगे. जनकराज किसान आंदोलन में हिस्सा लेने जा रहे थे. शनिवार को दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में कार मे आग लगने से वे जिन्दा जल गए.

Kisan Andolan Farmer Protest

पिछले कई दिनों से कर रहे हैं आंदोलन की तैयारी

बता दें कि बरनाला के धनोला के रहने वाले जनकराज 2 महीने से किसान आंदोलन के लिए तैयारियां कर रहे थे. जैसे ही वे पंजाब से किसान आंदोलन में हिस्सा लेने गए. एक किसान का ट्रैक्टर ठीक करने के लिए स्विफ्ट कार से दिल्ली रवाना हुए थे. अचानक कार में आग लगने से उनकी मौत हो गई. सभी ग्राम वासियों का कहना है कि जनकराज किसान आंदोलन के लिए 2 महीने से सक्रिय थे. वही पति की मौत की खबर मिलने के बाद से उसकी पत्नी उर्मिला सदमे में है. वह बार-बार यह कह रही है कोई मुझे मेरे पति का आखिरी चेहरा दिखा दो.

 पिता ने घर से निकलते समय बेटे से कही  यह बात

जनक राज के बेटे साहिल ने बताया कि जाने से पहले पिता ने कहा था, कि बेटा अगर पंजाब खत्म हो गया तो पंजाबियत मर जाएगी. उसके पिता की क्रांतिकारी सोच थी.  वे किसी के साथ धक्का बर्दाश्त नहीं करते थे. अकसर वो यही बात कहा करते थे कि अगर पंजाब के साथ कुछ गलत हो गया तो पंजाब रूल जाएगा, लोग रूल जाएंगे.

साहिल ने बताया कि परिवार में उनके पिता ही कमाने वाले थे. मौत की खबर मिलते ही किसान जनकराज के घर पहुंचे. किसानो ने परिवार से संवेदना जताई. किसानो द्वारा सरकार से यह मांग की गई कि जनकराज के परिवार को ₹20 लाख और उनके परिवार एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे. मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.

घटना की सूचना के बाद से गांव में मातम छाया हुआ है. भारतीय किसान यूनियन उगराहां के ब्लॉक प्रधान कृष्ण सिंह, किसान यूनियन कादिया के जिला प्रधान जगसीर सिंह छीनीवाल एवं किसान यूनियन लक्खोवाल के जिला प्रधान गुरविंदर सिंह,नामधारी ने भी मृतक के घर जाकर दुख साझा किया.

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