महेन्द्रगढ़ में जवाहर लाल नहर से अब हर किसान के खेत को मिलेगा पानी, सरकार ने उठाया ये कदम

महेन्द्रगढ़ | हरियाणा के दक्षिणी जिलों में अंतिम टेल तक पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा बड़ा कदम उठाया गया है. महेन्द्रगढ़ खंड में लगातार कम होता जलस्तर और नहरी पानी पर किसानों की निर्भरता को ध्यान में रखते हुए महेन्द्रगढ़ जवाहर लाल कैनाल को सीमेंटेड बनाने के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी गई है है और गांव पाथेड़ा में यह काम शुरू भी हो चुका है. नहर में 15 दिन पानी आने की वजह से विभाग के लिए सभी गांवों में नहरी पानी उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती थी लेकिन अब नहर सीमेंटेड बनने से काफी हद तक इस समस्या से निजात मिलेगी.

Jln Canal

बता दें कि 1970 में बनी इस नहर का तब ईंटों से निर्माण किया गया था लेकिन अब यह बिल्कुल जर्जर हालत में पहुंच चुकी है और जगह-जगह पानी का रिसाव हो रहा है. ऐसे में अंतिम टेल तक पानी पहुंचाना विभाग के लिए सिर दर्द बना हुआ था. विभाग का कहना है कि नहर सीमेंटेड बनने से अंतिम टेल तक पानी पहुंचेगा और सभी गांवों के किसानों को खेती के लिए पानी मिल सकेगा.

5 नए पुल बनेंगे

गांव झगड़ौली से नारनौल तक नहर पर पहले से 30 पुल बने हुए हैं. इसके अलावा 5 नए पुलों का निर्माण किया जाएगा. गांव मेघनवास तथा बचीनी को जोड़ने वाला रास्ता,बुचौली से नांगल हरनाथ, खामपुरा से रामपुरा,खासपुरा से हुडिना तथा दौंगड़ा से कोथल की ओर जाने वाले रास्ते पर नए पुल बनेंगे. नहर पर नए पुल बनाने और पुराने पुलों को रिपेयर करने पर लगभग 5 करोड़ की धनराशि खर्च होगी.

30 करोड़ रुपए होंगे खर्च

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के एक्सईएन कृष्ण कुमार ने बताया कि गांव झगड़ौली से नारनौल तक नहर को सीमेंटेड बनाया जाएगा. इसपर करीब 25 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च होगी तो वहीं 5 करोड़ रुपए पुराने पुलों की मरम्मत तथा पांच नए पुल बनाने पर खर्च होंगे. उन्होंने कहा कि अंतिम टेल तक पानी पहुंचें और सभी किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध हो सके, इसी उद्देश्य से नहर को सीमेंटेड बनाने का फैसला लिया गया है.

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