अमृत स्टेशन योजना के तहत महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन होगा चकाचक, पुनर्विकास कार्यों के लिए मास्टर प्लान तैयार

महेंद्रगढ़ | अमृत स्टेशन योजना के तहत, हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है. इन कार्यों को चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर सुविधाएं बढ़ाने का फैसला किया है. महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन के लिए 16 करोड़ 59 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएंगी.

Mahendragarh Railway Station

अमृत योजना के तहत, बीकानेर मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर विभिन्न निर्माण कार्य किये जायेंगे. इस योजना में महेंद्रगढ़- भिवानी लोकसभा, महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी दादरी और नारनौल रेलवे स्टेशनों को भी शामिल किया गया है. पिछले दिनों सांसद धर्मबीर सिंह ने भी रेलवे अधिकारियों के साथ रेलवे स्टेशन का दौरा किया था.

ये होंगे कार्य

प्रथम चरण में 6 करोड़ 51 लाख रूपये की लागत के कार्य कराये जा रहे हैं. इन कार्यों में यातायात प्रवाह में सुधार और सर्कुलेटिंग क्षेत्र में हरित पट्टी का विकास और समर्पित पार्किंग स्थान के साथ सर्कुलेटिंग क्षेत्र का सौंदर्यीकरण, स्टेशन भवन के अग्रभाग में सुधार और प्रकाश व्यवस्था का उन्नयन, वीआईपी कमरे और नए शौचालय ब्लॉक का प्रावधान, आधुनिक शामिल हैं.

मौजूदा शौचालय ब्लॉकों का नवीनीकरण, प्लेटफार्म शेल्टर का प्रावधान और मौजूदा प्लेटफार्म शेल्टर की जीआई शीट्स का प्रतिस्थापन, मौजूदा स्टेशन भवन का नवीनीकरण, सौंदर्यपूर्ण रूप से बेहतर चारदीवारी के साथ अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार का प्रावधान आदि शामिल हैं। स्टेशन भवन में पोर्च का प्रावधान भी शामिल है

कार्यों के लिए टेंडर किए जारी

बता दें कि इन कार्यों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. सभी कार्य जून 2024 तक पूरे होने की संभावना है. इन कार्यों के साथ-साथ महेंद्रगढ़ स्टेशन पर कोच गाइडेंस सिस्टम, ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड, जीपीएस आधारित घड़ियां, आउटडोर वीडियो डिस्प्ले यूनिट, टीवी और स्पीकर का प्रावधान भी इस योजना के तहत किया गया है, जिस पर करीब 55 लाख रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा, 12 मीटर चौड़े पैदल पुल का भी प्रावधान किया गया है, जिस पर लगभग 8 करोड़ 97 लाख रुपये की लागत आएगी.

1942 में पहली बार चली थी ट्रेन

आपको बता दें कि रेवाडी- बीकानेर रेलवे लाइन का सर्वेक्षण कार्य वर्ष 1936 में शुरू किया गया था. सर्वेक्षण कार्य एक साल बाद वर्ष 1937 में पूरा हुआ. वर्ष 1940 में रेवाडी से बीकानेर तक मीटर गेज लाइन बिछाई गई थी. वर्ष 1942 में पहली मीटर गेज ट्रेन दिल्ली से बीकानेर तक चलायी गयी थी. वर्ष 2008 में मीटर से ब्रॉडगेज लाइन बिछाई गई. इसके बाद, वर्ष 2020 में रेवाड़ी से सादलपुर तक इलेक्ट्रिक लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया और वर्ष 2021 में इलेक्ट्रिक लाइन पर ट्रायल किया गया लेकिन अभी तक इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हो सका है.

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