अब सरपंच करेंगे बाबू गिरी, वेरिफिकेशन तक ही सीमित होंगे अधिकार

पलवल । पलवल पंचायती सरकारों के काउंटडाउन के बीच में ही रुकने के बाद पंचायतों के सभी अधिकार खंड व जिला पंचायत एवं विकास अधिकारियों को सौंपे जाएंगे.  आगे सभी कार्य ग्राम सचिव के माध्यम से कार्य कराए जाएंगे और निवर्तमान सरपंच शक्ति विहीन रहेगी.

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सरपंचों की चौधर हुई खत्म,  उनके अधिकार हुए हस्तांतरित 

बता दें कि सरपंचों को किसी प्रकार की ताकत प्राप्त नहीं होगी. सरपंचो को न तो कोई योजना बनाने की ताकत होगी और ना ही किसी प्रकार के भुगतान के लिए चेक पर हस्ताक्षर करने की. सरकारी आदेशों के बाद निवर्तमान हो गए सरपंचों की चौधर समाप्त हो जाएगी. इसके बाद वह अपने गांव के लोगों के विभिन्न प्रकार के कागजी सत्यापन तक ही सीमित रह जाएंगे. बता दें कि ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो गया.

काफी समय से पंचायती सरदार बनने के इच्छुक लोग इसकी तैयारी कर रहे हैं. तकनीकी कारणों व किसान आंदोलन के चलते चुनावों को लंबित करना पड़ा. इसके बाद सरकार ने पंचायतों का कार्यभार जिला एवं खंड पंचायत विकास अधिकारियों को सौंप दिया है. सरपंच एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है. लेकिन वहां भी उनकी बात नहीं बनी.

अभी तक मात्र 25% सरपंचों ने ही रिकॉर्ड ग्राम सचिव को सौंपे

पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही खंड एवं जिला पंचायत अधिकारी को दायित्व सौंपने के साथ-साथ सरपंचों को रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए थे. इन रिकॉर्ड्स में पंचायतों के बैंक अकाउंट के कागजात, चेक बुक, पट्टा रजिस्टर, पंचायत भवन का सम्मान ग्राम सचिवों को सौंपा जाना है. हरियाणा सरकार ने इसके लिए आदेश जारी किया था, लेकिन अभी तक 25 फ़ीसदी सरपंचों ने ही यह रिकॉर्ड ग्राम सचिव को सौंपा है.

हथीन खंड की 76 पंचायतों में से मात्र 16 सरपंचों ने ही रिकॉर्ड प्रशासक को सौंपा है. खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अमित कुमार के अनुसार बुधवार तक केवल मालूका,रूपडाका, मानपुर, जरारी आदि अन्य ने अपना रिकॉर्ड जमा करवाए हैं. पंचायती चुनाव की आहट के साथ ही सरकार ने प्रदेश में 106 नई पंचायतों के गठन को भी मंजूरी दी है.

ग्रामीणों की मांग पूरी ना होने से उनमें बना हुआ है रोष 

जिले के खंड पृथला के गांव कटेसरा से कुरारा, शाहपुर और होडल खंड के गांव गुलावद से मोहम्मदपुर की नई पंचायतों का गठन किया जाएगा. साथ ही लंबे समय से चली आ रही ग्राम पंचायत बिघावली से अकबरपुर नाटोल और जनाचोली से आलूका गांव को अलग करने की मांग भी पूरी नहीं हो पाई है. जिसके चलते ग्रामीणों मे रोष बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि वे सरकार के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे. सरकार के आदेशों के बाद पंचायत के सभी दस्तावेज व रिकॉर्ड प्रशासन को जमा कराए जाएंगे.

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