बर्बरता का केंद्र: हाथों में 30 किलो वजन रखकर तीन-तीन घंटे खड़े रखे जाते थे युवक, रुला देगी अमानवीयता की कहानी 

पानीपत | हरियाणा के ज़िला पानीपत में जिस नशा मुक्ति केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग की टीम की तरफ़ से छापा मारा था, वहां पर मरीजों के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार की जा चुकी थी. ऐसे में हम आपको विशेष रूप से जानकारी दें दे कि अगर करनाल का एक युवक हिम्मत न करता तो फिर पानीपत के गांव बिंझौल स्थित नई किरण नशा मुक्ति केंद्र में नशे की लत को छुड़ाने के नाम पर की जा रही बर्बरता का कभी भी किसी को भी पता ही नहीं चल पाता. ऐसे में जब यहां से छुड़ाए गए युवाओं ने जब अपनी आपबीती सुनाई, तो वह बेहद ही रोंगटे खड़े कर देने वाली लगीं. वहां पर छोटी छोटी बात को लेकर युवकों को बुरी तरह प्रताड़ित किया जाता था.

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कभी नहीं दिखाई जाती थी उन पर दया…

केंद्र से छुड़ाए गए अलग अलग गांवो यानी बिंझौल, बाबरपुर, निजामपुर, पानीपत शहर, मतलौडा और बापौली के कुल 37 युवाओं ने अपना दर्द ब्यान करते हुए बताया कि उन पर वहां कभी भी दया नहीं दिखाई जाती थी. साथ ही साथ अगर गिलास गिर जाए तो फ़िर वे वहां पर उस व्यक्ति को नंगा कर पीटते थे और रात को सोने भी नहीं देते थे. केवल इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा उनके हाथों में 30 किलो वजन रख कर तीन -तीन घंटे के लिए खड़ा कर दिया जाता है और उन्हें इस दौरान बैठने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं दी जाती थी. इस बीच उन पर कड़ी नजर भी रखी जाती थी.

रात 12 से सुबह चार बजे तक ही मिलती थी सोने की इजाजत

जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ढिलौड ने बताया कि अन्य युवकों से बातचीत की गई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्हें रात में लाठी व डंडों से बुरी तरह से पीटा जाता था और अगर ग़लती से छोटी सी भी गलती हो जाए तो फ़िर उनको जबरन नंगा कर प्राइवेट पार्ट में तकलीफ पहुंचाई जाती है. ऐसे में केन्द्र के लोग रात भर उन्हें पीटते हैं, केवल रात 12 से सुबह चार बजे तक ही सोने की इजाजत दी जाती है.

जिला समाज कल्याण अधिकारी ने मुख्य रूप से हमारे संवाददाताओं संग जानकारी सांझा करते हुए बताया कि बगैर लाइसेंस के चल रहे इस केंद्र में एक बड़ा हॉल था. साथ ही साथ उसमें वेंटीलेशन की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी. हॉल के अंदर ही शौचालय बना हुआ था, जिसमें पुरी तरह से गंदगी फैली हुई थी. कुछ ऐसे युवक भी वहां पर मौजूद थे जो बीते तीन- तीन महीने इस कमरे से बाहर तक नहीं निकले थे, ऐसा केवल इसलिए क्योंकि उन्हें इसके लिए इजाज़त नहीं दी जाती थी. इनको भरपेट भोजन भी नहीं दिया जाता था.

जानें, क्या क्या किया गया नशा केंद्र से बरामद

विभाग की ओर से नशा मुक्ति केंद्र में छापेमारी की गई है. यहां से बीड़ी, सिगरेट और खैनी के पाउच आदि बरामद किए गए हैं. साथ ही साथ वहां पर मौजूद रिकार्ड और कुछ दवाओं को भी कब्जे में ले लिया गया है. आठ मरला चौकी पुलिस ने वहां से कुल दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ऐसे में संचालक और मकान मालिक सूचना मिलते ही वहां से मौक़ा मिलते ही फरार हो गए. अंत में पुलिस ने संवाददताओं से अपनी विशेष वार्ता के दौरान बताया कि सब पर अलग अलग धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इन सभी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

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